इस देश में पांच वर्ष से जारी है युद्ध और मौतों का सिलसिला
वाशिंगटन। एक बार फिर से सीरिया खबरों में है और वजह है रूस के प्रधानमंत्री दमित्री मेदवेदेव की ओर से आया बयान। इस बयान में उन्होंने कहा है कि अगर सीरिया में हालात जल्द नहीं सुधरे तो फिर तीसरे विश्व युद्ध को होने से कोई नहीं रोक सकता है।
वहीं अमेरिका और ब्रिटेन जैसे दुनिया के कई देश सीरिया में युद्धविराम की कोशिशों को अंजाम देने में लगे हुए हैं।
पांच वर्ष पहले अरब क्रांति के साथ ही जो आग सीरिया में भड़की थी, वह बुझने का नाम ही नहीं ले रही है। अब आईएसआईएस की वजह से यह देश खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है।
पिछले पांच वर्षों में लाखों लोग हथियारों की वजह से मारे गए, कुछ अपना देश छोड़कर गए तो कुछ भूख की वजह से मरने को मजबूर हो गए हैं।
आइए आज आपको इस सिविल वॉर से जुड़े कुछ खास तथ्यों के बारे में बताते हैं।
वर्ष 2011 में हुई थी शुरुआत
18 मार्च 2011 को सीरिया के शासक बशर अल असद के खिलाफ विरोध प्रदशर्न शुरू हुए थे। असद ने वर्ष 2000 में अपने पिता की मौत के बाद शासन संभाला था। उनके पिता ने सीरिया पर 30 वर्ष तक शासन किया था।
अब तक 250,000 लोगों की मौत
यूनाइटेड नेशंस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक वर्ष 2011 में शुरू हुए सिविल वॉर में अब तक 250,000 से ज्यादा सीरियन नागरिकों की मौत हो चुकी है।
4.1 मिलियन ने छोड़ा देश
सितंबर 2015 तक करीब 4.1 मिलियन लोगों ने अपना देश छोड़ दिया, 6.5 मिलियन लोगों को देश के अंदर ही कहीं विस्थापित किया गया। इस समय दुनिया हर पांच में से एक विस्थापित व्यक्ति सीरियन है।
कौन कौन से ग्रुप वॉर का हिस्सा
सीरिया में इस समय कुर्दिश सेना, आईएसआईएस, जैश अल फतह और असद की सेना वॉर में शामिल है।
अमेरिका ने लगाए प्रतिबंध
मई 2011 में अमेरिका ने सीरिया पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए। अमेरिका में सीरिया की सरकार की संपत्ति को भी बैन कर दिया गया। साथ ही साीरिया में किसी भी तरह के अमेरिकी निवेश को भी रोक दिया। इसकी वजह से सीरिया में मुश्किलें बढ़ती ही गईं।
तेल को किया बैन
सीरिया में तेल का निर्यात इस देश की आय का सबसे बड़ा स्त्रोत है। लेकिन यूरोपियन यूनियन ने जब इसे बैन किया सीरिया में भूखमरी के हालात पैदा हो गए।
एक वर्ष में 8,000 की मौत
वर्ष 2012 में जब सीरिया के सिविल वॉर ने एक वर्ष पूरा कर लिया तो यूनाइटेड नेशंस की ओर से आंकड़ें जारी किए गए। इन आंकड़ों के मुताबिक सीरिया में जारी वॉर की वजह से करीब 8,000 लोगों की मौत एक वर्ष में हुई। वहीं एक्टिविस्ट्स का कहना था कि यह संख्या 10,000 से ज्यादा है।
90 दिन के मिशन पर 300 सैनिक
यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल ने वर्ष 2012 में ही सीरिया में 90 दिनों के मिशन पर करीब 300 असैन्य मिलिट्री ऑब्जर्वर्स को भेजा था। इन्हें सीरिया की स्थिति पर नजर रखने का जिम्मा दिया गया था। लेकिन इन पर आरोप लगा कि इन 300 लोगों के आने के बाद से सीरिया में हत्याओं का सिलसिला और बढ़ गया है।
70,000 पहुंचा आंकड़ा
यूनाइटेड नेशंस के मुताबिक वर्ष 2013 तक सीरिया में 70,000 लोगों की मौत दर्ज की गई।
युद्ध के बाद पहले चुनाव, असद की जीत
वर्ष 2014 में सीरिया में तीन वर्षों के बाद चुनाव हुए। इन चुनावों में राष्ट्रपति और शासक बशर अल असद को 88.7% वोट्स के साथ दोबारा शासक लोगों ने चुना।