Weather update: बारिश और ओलावृष्टि ने बिगाड़ा किसानों का गणित, आगे कैसा रहेगा मालवा का मौसम, जानिए?
मालवा अंचल में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते फसल तबाह होती नजर आ रही है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो स्ट्रांग सिस्टम बनने के कारण इस तरह के हालात पैदा हुए हैं। वहीं इस सिस्टम का असर आगामी 20 मार्च तक देखा जा सकेगा.
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मध्यप्रदेश में इन दिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ नजर आ रहा है, जहां प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते फसल तबाह होती नजर आ रही है। अंचल के धार, इंदौर, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ और खरगोन जिले में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी फसलों को तबाह कर दिया, जहां अब फसलों को नुकसान पहुंचने के बाद प्रदेश सरकार की ओर से मुआवजा देने के लिए सर्वे के आदेश भी दे दिए गए हैं, जिसके बाद सर्वे के आधार पर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।
आगे ऐसा रहेगा मौसम का मिजाज
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि, बीते 14-15 मार्च से प्रदेश का मौसम बिगड़ा हुआ नजर आ रहा है, जहां कई जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का दौर देखने मिल रहा है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो स्ट्रांग सिस्टम बनने के कारण इस तरह के हालात पैदा हुए हैं। वहीं इस सिस्टम का असर आगामी 20 मार्च तक देखा जा सकेगा, जहां प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का दौर चलेगा।
खेतों में बिछी सफेद चादर
मध्यप्रदेश के मालवा अंचल समेत तमाम अंचल और जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल प्रभावित हुई है, जहां ओलावृष्टि के चलते किसानों की फसल खेतों में बिछ गई। इतना ही नहीं, खेतों में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई, जिससे चारों ओर सिर्फ बर्फ ही बर्फ नजर आ रही थी। प्रदेश में इन दिनों गेहूं और चने की फसल काटने का काम खेतों में किया जा रहा है, लेकिन इस बीच अचानक बदले मौसम के कारण ओलावृष्टि के चलते खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है।
किसानों को मिला सरकार का साथ
मध्यप्रदेश में मौसम परिवर्तन के चलते हुए ओलावृष्टि और बारिश ने किसानों की फसलें तबाह कर दी है। यही कारण है कि, मध्य प्रदेश के किसानों के चेहरे पर अब चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रहे हैं, लेकिन किसानों की संकट की घड़ी में प्रदेश की शिवराज सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए तत्काल प्रभाव से नुकसान का सर्वे करने के आदेश दिए हैं। इतना ही नहीं सरकार के जनप्रतिनिधि और तमाम अधिकारी किसानों के साथ इस संकट की घड़ी में खड़े नजर आ रहे हैं, जहां लगातार जनप्रतिनिधि और अधिकारी किसानों के खेत का निरीक्षण करने पहुंच रहे हैं।
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