Indore में राजमाता जीजाबाई की प्रतिमा का अनावरण, कई सालों बाद साथ दिखे राजपरिवारों के वंशज
इंदौर में हजारों लोग उस स्वर्णिम क्षण के साक्षी बने जब प्रदेश में पहली बार राज माता जीजाबाई और बाल शिवाजी की प्रतिमा स्थापित की गई। अनावरण समारोह में कई राज परिवारों के वंशज मौजूद रहे.
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कला और संस्कृति का शहर इंदौर एक बार फिर ऐतिहासिक कार्यक्रम का साक्षी बना, जब शहर के जिजाऊ चौक पर राजमाता जीजाबाई और बाल शिवाजी की बेहद ही आकर्षक प्रतिमा का अनावरण किया गया। अनावरण समारोह में कई राज परिवारों के वंशज मौजूद रहे, जहां 450 साल बाद छत्रपति शिवाजी महाराज के सभी वंशज पहली बार एक ही मंच पर दिखाई दिए। अनावरण समारोह में छत्रपति शिवाजी महाराज के 13वें वंशज कोल्हापुर के संभाजी राजे भोसले, देवास राज परिवार के विक्रम राजे पवार, धार राज परिवार के करण सिंह पवार, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, आकाश विजयवर्गीय समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वर्चुअली कार्यक्रम को संबोधित किया।
इतिहास के पुनर्लेखन की आवश्यकता
प्रतिमा अनावरण समारोह को वर्चुअली संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, राजमाता जीजाबाई की मूर्ति का अनावरण हमारे इंदौर में हो रहा है, साथ ही बाल अवस्था में शिवाजी महाराज की मूर्ति का अनावरण एक ही साथ हो रहा है। इस अवसर पर मैं अपने दिल की गहराइयों से हमारी मराठी भाषी संस्था को शुभकामनाएं देता हूं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि, भारत का इतिहास, इतिहासकारों ने बड़ी कंजूसी से लिखा, ऐसा इतिहास लिखा है कि, इसे एक बार फिर से पुनर्लेखन करने की आवश्यकता है। शिवाजी महाराज, जिजाऊ माता इनका इस हिंदू साम्राज्य के लिए जो योगदान है, उतना इन्हें इतिहास के पन्नों में सम्मानजनक स्थान नहीं मिला, इसलिए हमारे देश के प्रधानमंत्री ने इस बात को अनेक बार कहा कि, भारत के इतिहास को एक बार फिर लिखना पड़ेगा, उन सभी लोगों को एक बार फिर से उतना ही सम्मान देना पड़ेगा जिन्होंने इस देश के लिए अपना सर्वस्व लुटाया है।
हजारों लोग बने स्वर्णिम क्षण के साक्षी
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में आयोजित हुए ऐतिहासिक कार्यक्रम से पहले सर्व मराठी भाषी सोशल एंड कल्चरल सोसायटी की अध्यक्ष स्वाति युवराज काशिद के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाओं ने राजमाता जीजाबाई की जन्मस्थली सिंदखेड राजा (महाराष्ट्र) से इंदौर तक की पदयात्रा की है, जिसमें पद यात्रियों द्वारा सिंदखेड राजा से पवित्र माटी कलश इंदौर लाया गया। इंदौर पहुंची स्वराज स्वाभिमान यात्रा का शहर भर में ऐतिहासिक स्वागत हुआ था। वहीं रविवार को हजारों लोग उस स्वर्णिम क्षण के साक्षी बने जब प्रदेश में पहली बार राज माता जीजाबाई और बाल शिवाजी की प्रतिमा स्थापित की गई।
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