Video: जब यासिन मलिक ने बताया था आखिर क्यों नहीं बोलते पाकिस्तान के खिलाफ, बंदूक मूवमेंट पर कही थी ये बात
Video: जब यासिन मलिक ने बताया था आखिर क्यों नहीं बोलते पाकिस्तान के खिलाफ
नई दिल्ली, 26 मई: दिल्ली में एक विशेष एनआईए अदालत ने बुधवार (25 मई) को कश्मीरी अलगाववादी और जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को जम्मू-कश्मीर में आतंक के वित्तपोषण और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए समवर्ती उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने यासिन मलिक की इस दलील को खारिज कर दिया कि उन्होंने अहिंसा के गांधीवादी सिद्धांत का पालन किया था और 1994 में सशस्त्र उग्रवाद को छोड़ने के बाद से "एक शांतिपूर्ण संघर्ष" का नेतृत्व किया। यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा मिलने के बाद उनके कई पुराने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
वायरल हुआ यासिन मलिक का पुराना वीडियो
ट्विटर पर यासिन मलिक का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो शो ''आप की अदालत'' का है। इस वीडियो में यासिन मलिक पाकिस्तान के सपोर्ट और कश्मीर के बंदूक मूवमेंट की बात कर रहे हैं। इतना ही नहीं यासिन मलिक भारत की सरकार को आपकी सरकार कहकर संबोधित कर रहे हैं। जिसपर वहां बैठी जनता, उनको कहती है...कि ये देश आपका भी है और ये सरकार आपकी भी है। ये वीडियो 7 साल पुराना है, जो अब जमकर वायरल हो रहा है।
'पाकिस्तान डिप्लोमेटिक सपोर्ट देता है यासिन मलिक को...'
वीडियो में पत्रकार रजत शर्मा यासिन मलिक से पूछते हैं, ''जब पाकिस्तान ये कहता है कि वो यासिन मलिक को डिप्लोमेटिक सपोर्ट देता है, मोरल सपोर्ट देता है, तो फिर हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री को बुलाकर ये कहना पड़ता है कि ये काम बंद करो...?''
इस सवाल के जवाब में यासिन मलिक कहते हैं, ''देखिए आपको मैं एक बात बता देता हूं...यहां और भी मुल्क थे, जिनमें अमेरिका, वर्तानिया, तो वो भी तो कश्मीरी लोगों से मिलते हैं, यूरोपियन यूनियन के लोग कश्मीरी लीडरों से मिलते हैं, और हिन्दुस्तान की हुकूमत ने तो उनको भी अंगेज किया, उनसे मिलने के लिए।''
'देखिए अटल बिहारी वाजपेयी जी, लाहौर गए...'
इसी बीच रजत शर्मा कहते हैं, जो अपने यहां (पाकिस्तान) टेरिस्ट को पनाह देते हैं, जो ओसामा बिन लादेन को जगह देते हैं, जो हिन्दुस्तान के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर क्रिएट करते हैं, लोगों को ट्रेनिंग देते हैं, ...उनको कैसे भूल जाएंगे...और आप उन लोगों से बात करते हैं....? यासिन मलिक कहते हैं, ''देखिए, सबसे पहले आपने उनके साथ बात की की। देखिए अटल बिहारी वाजपेयी जी, लाहौर गए, वहां उन्होंने नवाज शरीफ के साथ बातचीत की, मिनारे पाकिस्तान पर वहां चर्चा की। और वहां अटल जी ने कहा, मेरी जिंदगी की आखिरी ख्वाहिश है, कश्मीर के मुद्दे को हल करना..., उसके बाद उन्होंने कश्मीरियों से बात की।''
'हिन्दुस्तान क्यों करता है हमेशा पाक से बात...'
रजत शर्मा रोकते हुए कहते हैं, वो शायद इसलिए ताकी पाकिस्तान को अच्छी बातें सुनकर अक्ल आ जाएगी...? यासिन मलिक कहते हैं, ''देखिए, मेरा भी यही कहना है कि अगर पाकिस्तान इस तरह की हरकत हमेशा करता है तो फिर हिन्दुस्तान उसके साथ बात करने जाता ही क्यों है...?''
यासिन मलिक बोले, 'हमने जब बंदूक की मूवमेंट कश्मीर में शुरू की तो...'
जत शर्मा पूछते हैं कि आप पाकिस्तान को क्यों नहीं बोलते कि वह अपने यहां आतंकवाद की फैक्ट्री बनाए हुए हैं? आप पाकिस्तान से क्यों नहीं पूछते कि उन्होंने दाऊद को अपने यहां क्यों रखा है?
यासिन मलिक कहते हैं, '' आप क्यों नहीं अपनी सरकार से ये पूछते हैं कि जब, मेरा एक सवाल है, हमने जब बंदूक की मूवमेंट शुरू की कश्मीर में, ज्यादती उनके खिलाफ थी, हालांकि ये मुल्क जो है, जिस मुल्क में गांधी पैदा हुआ है, जिसने पूरी दुनिया को बताया कि अगर कोई मसला है तो उसे अहिंसा से हल करो...लेकिन मामला ये है कि इस गांधी की देश में, अब गांधी की सोच नहीं रही। मुझे इस देश में गांधी की सोच और उनके विचार जीवित नहीं मिले।...इसलिए हमको बंदूक की तहरीक शुरू करनी पड़ी।''
'मेरे 600 साथियों का कत्ल हुआ, मुझे 300 बार जेल भेजा गया...'
यासिन मलिक आगे कहते हैं, ''...उसके बाद, कश्मीर में बंदूक का इंकलाब आया, मैं गिरफ्तार हुआ। उस वक्त, हिन्दुस्तान ने अमेरिका को, वर्तानिया को यूरोपियन देशों के लोगों को लाया, जेल में मेरे से बात करने के लिए...। आपने (सरकार) अपने हिसाब से तहरीक शुरू की, तब से लेकर आज तक, मेरे 600 साथियों का कत्ल किया गया। मुझे 300 बार उसके बाद जेल भेज दिया गया। उसके बाद इंटोरोगेशन सेशन में, मेरा राईट ईयर, (दायां कान) की हेयरिंग (सुनने की क्षमत) भी चली गई। मेरे ऊपर 6 जानलेवा हमला हो गए। ये तो सीजफायर के बाद भी , स्टेट का जुल्म, लोगों ने देखा।''
यासिन मलिक बोले, '2010 के इंकलाब में 128 लाशें मिली...'
यासिन मलिक ने आगे कहा, ''अभी आपने देखा, कश्मीरी लोगों ने देखा, 2008 में पूरा-पूरा इंकलाब लाया था, एक ट्रांजेक्शन हुई थी, कश्मीर कॉम की, फोर्म वॉलेंट मूवमेंट टू नॉन वॉलेंट मूवमेंट टू, तो उसके ऊपर सरकार ने क्या किया । 72 लाशें हमको मिली, 2009 में 45 लाशें, हमको मिली, 2010 के इंकलाब में 128 लाशें मिली...। ये कश्मीर में फौजी ताकत इस्तेमाल हुई, तो आपको नहीं लगता कि आप उस कौम को बंदूक की तरफ धकेल रहे हैं।''