जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक टेरर फंडिंग केस में दोषी करार
नई दिल्ली, 19 मई: कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के एक केस में दोषी करार दिया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक अदालत ने गुरुवार, 19 मई को जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख यासीन मलिक को दोषी पाया है। एनआईए कोर्ट अब इस मामले में 25 मई को अगली सुनवाई करेगा। 25 मई से ही यासीन मलिक की सजा पर भी बहस होगी।
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दिल्ली में एनआईए अदालत में यासीन मलिक भी उस वक्त मौजूद थे, जब उनको दोषी करार दिया गया। कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस उनको साथ लेकर गई। एनआईए अदालत ने एनआईए को मलिक के वित्तीय मूल्यांकन से संबंधित रिपोर्ट भी मांगी है।
2017 में कश्मीर घाटी में अशांति पैदा करने वाले कथित आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों से संबंधित एक मामले में यासीन मलिक पर गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज है। मंगलवार को यासीन मलिक ने सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था।
58 साल के यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ़्रंट (जेकेएलएफ) के नेता हैं। यासीन मलिक की पहचान कश्मीर के अलगाववादी नेता की है। वो तीन दशक से ज्यादा वक्त से घाटी में सक्रिय हैं, खासतौर से भारत विरोधी आंदोलनों के लिए उनकी पहचान रही है। यासीन मलिक कई बार पहले भी जेल जा चुके हैं।
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