आपने भी सोशल मीडिया पर देखी यह तस्वीर, क्या जानते हैं इसका सच?
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नई दिल्ली। बीते दिनों फेसबुक और ट्विटर पर आपको एक तस्वीर कई बार दिखी होगी। इस तस्वीर में एक बच्ची समेत 4 अन्य लोग मेट्रो में बैठे हैं। 5 में 4 तो सीट पर बैठी थीं लेकिन एक महिला कोच की फर्श पर बैठी थी। दावा किया गया कि फर्श पर बैठी महिला, सीट पर बच्ची के साथ मौजूद महिला के घर मेड का काम करती है और उसे नीचे बिठाया गया है। दावे के बाद संबंधित महिला सवालों के घेरे में आ गई। सोशल मीडिया पर लोग महिला को सामंती विचारों वाला बताकर उसे कोसने लगे। हालांकि पूरे मामले में अब महिला का जवाब सामने आया है। महिला अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान - AIIMS में काम करती है।
कोच की फर्श पर बैठना एक सामान्य बात
अपने भाई के ब्लॉग पर महिला ने जवाब देते हुए कहा है कि - किसी मेट्रो स्टेशन पर चढ़ना और कोच की फर्श पर बैठना एक सामान्य बात है जो हम सभी जानते हैं। उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ जब मैं , मेरा बच्चा और उसकी आया मेट्रो में चढ़े। उस वक्त सीटों पर लोग बैठे थे। इतना ही नहीं कई अन्य महिलाएं फर्श पर बैठी थीं। हम एक जगह पा गए और हमारे पास सामान ज्यादा था, ऐसे में हम भी फर्श पर बैठ गए। हालांकि मेरा बच्चा आस पास लोगों को बैठा देखकर परेशान था, ऐसे में मैं कोच में टहलने लगी। कुछ देर बाद जब बच्चा परेशान हो गया तो हम उसका ध्यान बटाने के लिए उसे दूसरे बच्चों के साथ खिलाने लगे। हमें कुछ महिलाओं ने सीट ऑफर की लेकिन मुझे पता था कि बच्चा बैठता नहीं इसलिए हमने सीट नहीं ली। कुछ देर बाद मैंने फैसला किया कि मैं बच्चे को कुछ खिला दूं। उस वक्त मैं अपने स्टेशन (MG Road) से 4 स्टेशन की दूरी पर थी। फिर हमें कुछ लड़कियों ने जगह बना कर सीट दी। फिर वहां से एक लड़की उठकर चली गई और मैं वहां बैठी रही।
फोटो क्लिक करने वाली पत्रकार पर आरोप
महिला ने फोटो क्लिक करने वाली पत्रकार पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि- मुझे नहीं पता था यह छोटा सा सफर बीमार पत्रकारिता का शिकार हो जाएगी और हमें परेशान करेगी। जब महिला पत्रकार मालवीय नगर स्टेशन से MG Road स्टेशन के बीच कोच में आईं। उसी दौरान मैं बच्चे को शांत कराने की कोशिश कर रही थी। महिला के अनुसार पत्रकार ने आया से पूछा कि वो सीट पर क्यों नहीं बैठी है तो जवाब मिला कि वो वहां ठीक है। उसे कोई दिक्कत नहीं है। फिर भी पत्रकार उसे लगातार घूर रही थीं। फिर हमारा स्टेशन आया और हम उतर गए। महिला ने लिखा है कि मैं सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं हूं। मुझे देर में पता चला कि पत्रकार ने उनकी तस्वीर ट्वीट कर दी है। इसके चलते मैं कठिन परिस्थिति में फंस गई।
आया हमारे साथ रहती है, हमारे साथ खाती है
महिला ने लिखा है कि एक शख्स जो मुझे या मेरी आया को नहीं जानता, जो घटना की पूरी तस्वीर को नहीं समझता , उसके चलते हमारे परिवार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। यह बहुत ही दुखद है कि इस तस्वीर को बिना कुछ जाने अलग अलग बातों के साथ प्रयोग में लाया जा रहा है। आखिर पत्रकार कैसे इस तरह के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार में शामिल हो सकते है? महिला ने लिखा है कि मैं AIIMS जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में डॉक्टर हूं जिसका काम गरीबों और बाकी लोगों की सेवा करना है जो अपनी जिंदगी की कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे होते हैं। महिला ने लिखा है कि - वो (आया) हमारे साथ रहती है, हमारे साथ खाती है, हमारे साथ हँसती है, हमारे साथ यात्रा करती है और सोती है जहां हम सोते हैं। मुझे यह पीड़ा है कि सभी को बदनाम किया गया और तस्वीर को गैर संदर्भित तरीके से पेश किया गया जो गैर जिम्मेदाराना पत्रकारिता है।