
क्या हमें फांसी दी जाएगी या उम्रकैद ? उदयपुर टेलर की बर्बरता से हत्या करने वाले हत्यारों ने पूछा ये सवाल
नई दिल्ली, 06 जुलाई। उदयपुर में 28 जून को नूपुर शर्मा का सपोर्ट करने वाले एक दर्जी की दो लोगों ने दिनदहाड़े उसकी दुकान में घुसकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। हमलावरों ने 'धार्मिक आधार पर दुश्मनी' को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर उन्होंने इस निर्मम हत्या का वीडियो वायरल किया था। वहीं एननआईए की गिरफ्त में आ चुके दोनों हत्यारें रियाज अटारी और गौस मोहम्मद ने बेशर्मी अख्तियार करते हुए एनआईए के अधिकारियों से पूछा है कि क्या हमें हमारे अपराध के लिए अदालत में फांसी दी जाएगी या अजीवन कारावास दिया जाएगा?

ब्रेनवॉश किए गए इस्लामवादी हत्यारें
गौरतलब है कि अमरावती और उदयपुर की बर्बर हत्याओं से पता चलता है कि सीमा पार और मध्य-पूर्व में चरमपंथी संगठनों द्वारा देश में बढ़ते इस्लामी कट्टरपंथ के स्तर का पता चलता है। उदयपुर दर्जी की हत्या के लिए ब्रेनवॉश किए गए इस्लामवादी हत्यारों का एनआईए अधिकारियों से ये सवाल इसी का उदाहरण है।
कट्टरपंथ इस कदर कि उन्हें कोई पछतावा नहीं
28 जून को रियाज अटारी और ग़ौस मोहम्मद ने नूपुर शर्मा का समर्थन करने के लिए उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल पर की हत्या कर दी। आंतरिक सुरक्षा एजेंसियां हत्यारों और उनके साथियों के कट्टरपंथ के स्तर पर चिंतित हैं क्योंकि वे उस बर्बरता से की गए अपराध पर उन्हें कोई पछतावा नहीं है। उन्हें केवल इस बात की चिंता है कि उन्हें हत्या के लिए कौन से दंड का सामना करना पड़ेगा। इसीलिए ने उन्होंने बेशर्मी दिखाते हुए पूछा है कि क्या हमें अपने अपराध के लिए अदालत द्वारा फांसी दी जाएगी या आजीवन कारावास दिया जाएगा?
कसाई वाले चाकू से हत्या करने के बाद जारी किया था वीडियो
28 जून को दर्जी की हत्या करने वाला हत्यारा रियाज अटारी और ग़ौस मोहम्मद और उसका साथी एनआईए की हिरासत में हैं। अब तक के जांच में पता चलता है कि कन्हैया लाल की हत्या का फैसला इस घटना को अंजाम देने के लगभग एक हफ्ते पहले लिया गया था। जिसमें घोस मोहम्मद ने स्वेच्छा से वेल्डर रियाज अटारी द्वारा तैयार किए गए कसाई चाकू का उपयोग करके हत्या को अंजाम दिया था। रियाज़ और ग़ौस दोनों सूफ़ी बरेलवी मुसलमान हैं और उन्हें कायरतापूर्ण अपराध का दावा करते हुए एक वीडियो शूट करने के लिए अजमेर दरगाह जाते समय गिरफ्तार किए गए थे।