क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

दिल्ली विधानसभा चुनाव में मनोज तिवारी नहीं तो क्या ये चेहरा होगा भाजपा का सीएम उम्मीदवार ?

दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीएम अरविंद केजरीवाल को टक्कर देने के लिए भाजपा मनोज तिवारी के बजाय दिल्ली के इस प्रभावी सांसद को सीएम पद का उम्मीदवार बनाने जा रही रही है, जानिए सच Instead of Manoj Tiwari, BJP is going to make this effective MP of Delhi a CM candidate to contest CM Arvind Kejriwal in Delh

Google Oneindia News

Recommended Video

Delhi Assembly Elections में मनोज तिवारी नहीं तो क्या ये चेहरा होगा BJP का CM Candidate ? |वनइंडिया

बेंगलुरु। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख चुनाव आयोग अब किसी भी दिन घोषित कर सकता हैं। जहां सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी है वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने बीजेपी ने सीएम पद लिए इस बार अब तक कोई चेहरा पेश नहीं किया है। जिसके दम पर उसे चुनाव लड़ना ही नहीं चुनाव जीत कर दिल्ली सल्तनत भी हासिल करने की बड़ी चुनौती है।

modiamit

हाल ही में झारखंड में हार ने भाजपा की बड़ी कमजोरी को उजागर कर दिया है कि पार्टी इस समय राज्यों में श‍क्तिशाली नेतृत्व की कमी से जूझ रही है। हरियाणा और महाराष्ट्र में भी भाजपा की सीटें घटने का एक बड़ा कारण मजबूत चेहरे की कमी माना गया। अगले दो माह में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं यहां पर भी भारतीय जनता पार्टी को प्रभावशाली जमीनी नेताओं की कमी महसूस हो रही है। दिल्ली में भाजपा के पास मदनलाल खुराना, सुषमा स्वराज, साहिब सिंह वर्मा या विजय कुमार मल्होत्रा के कद का कोई नेता नहीं है। ऐसे में पार्टी दिल्ली में विधानसभा चुनाव केजरीवाल बनाम मोदी बनाने से बचना भी चाहती है।

मनोज तिवारी के चेहरे पर चुनाव जीतना हो सकता है मुश्किल

मनोज तिवारी के चेहरे पर चुनाव जीतना हो सकता है मुश्किल

दिल्‍ली के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी जाना पहचाना चेहरा तो हैं लेकिन भाजपा केवल उनके दम पर विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकती हैं। झारखंड में की बड़ी गलती भाजपा अब दोहराना नहीं चाहती है। वैसे भी मनोज तिवारी को भी दिल्ली बीजेपी के काफी नेता पसंद नहीं करते। बता दें 2019 में लोकसभा चुनाव के कुछ ही दिन बाद मीडिया में खबरें आयी थीं कि आरएसएस के कुछ पदाधिकारी भी मनोज तिवारी के कामकाज से नाराज थे। वहीं एमसीडी के चुनाव के समय उम्मीदारों के चयन के समय भी इनकी कुछ हरकतें, पार्टी आलाकमान को पसंद नहीं आयी थी। हालांकि मनोज तिवारी भोजपुरी सिंगर है यही खास वजह है कि हर बार लोगों के बीच एक्टर के तौर पर पापुलर होने के कारण वो बचे रहते हैं। उनका दबदबा दिल्ली में रह रहे पूर्वांचली लोगों तक ही सीमित है।

मनोज तिवारी के नाम पर भाजपा के नेता भी एकमत नहीं

मनोज तिवारी के नाम पर भाजपा के नेता भी एकमत नहीं

इतना ही नहीं मनोज तिवारी के प्रति भाजपा नेताओं ने हरियाणा की पापुलर सिंगर सपना चौधरी के बीजेपी ज्वाइन करने की बात चली थी तब भी नाराजगी जतायी थी। तब तो भाजपा नेताओं ने कहा था कि आप एक ऑर्केस्ट्रा की तरह एक पार्टी नहीं चला सकते हैं और न ही आप गाना गाकर चुनाव जीत सकते हैं। हालांकि जुलाई में सपना चौधरी ने भाजपा ज्वाइन भी कर लिया हैं। सितंबर में मनोज तिवारी दिल्ली बचाओ परिवर्तन यात्रा पर थे तब भी दो नारे लगाये सुनने को मिले। जिसमें पहला था 'देश में मोदी दिल्ली में भाजपा तभी बनेगी बात, दिल्ली चलेगा मोदी के साथ' और दूसरा, 'बेसुरों को हटाना है, सुर वालों को लाना है।

इन नेताओं की लोकप्रियता क्षेत्र तक ही सीमित है

इन नेताओं की लोकप्रियता क्षेत्र तक ही सीमित है

वहीं बात करें दिल्ली में भाजपा नेता विजय गोयल की बात करें तो वह कुछ हिस्सों में लोकप्रिय हैं लेकिन पूरी दिल्ली में नहीं। वहीं भाजपा के तीसरे बड़े नेता हर्षवर्धन केंद्रीय मंत्री हैं और राज्य की राजनीति से लगभग बाहर हैं। यही वजह है कि भाजपा के राज्य प्रभारी और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पिछले दिनों जब मनोज तिवारी को सीएम बनाने की घोषणा की तो चार घंटों के अंदर ही उन्हें अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी।अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर भाजपा इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्‍यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर किसको खड़ा करने वाली है?

मनोज तिवारी के लिए शाह की ये बात खतरे की घंटी

मनोज तिवारी के लिए शाह की ये बात खतरे की घंटी

गौरतलब है कि पिछले दो दिनों से दिल्ली के एक नेता का नाम सुर्खियों में बना हुआ है क्योंकि उनके कामों की तारीफ भाजपा राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने स्‍वयं की है। इतना ही नहीं दिल्ली में चुनावी माहौल के बीच अमित शाह ने अरविंद केजरीवाल को उनके साथ बहस की चुनौती भी दी है। केजरीवाल से बहस के लिए शाह ने मनोज तिवारी के बजाय भाजपा नेता प्रवेश वर्मा का नाम आगे किया है। तभी से यह सवाल उठ रहा कि प्रवेश वर्मा का नाम इस तरह लिया जाना क्या मनोज तिवारी के लिए खतरे की कोई घंटी है या भाजपा शीर्ष का चुनावी रणनीति का एक हिस्सा है? गौरतलब है कि मनोज तिवारी की तरह प्रवेश वर्मा भी दिल्ली के सात सांसदों में से एक हैं।

क्या प्रवेश वर्मा होंगे सीएम पद के उम्मीदवार ?

क्या प्रवेश वर्मा होंगे सीएम पद के उम्मीदवार ?

अमित शाह के बहस की चुनौती देने पर आम आदमी पार्टी की ओर से मनीष सिसोदिया ने प्रतिक्रिया भी व्‍यक्त की जिसमें उन्‍होंने कहा कि पहले वो बता तो दें वो प्रवेश वर्मा जी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना रहे हैं या मनोज तिवारी जी को बना रहे हैं? पहली बार 17 दिसंबर को जब अमित शाह ने केजरीवाल को प्रवेश वर्मा के नाम को लेकर चुनौती दी थी तब कहां जा रहा था कि चूंकि प्रवेश वर्मा उसी क्षेत्र में सांसद थे इसलिए अमित शाह ने उनका नाम लिया लेकिन पिछली 27 दिसंबर को फिर से अमित शाह ने मनोज तिवारी और गौतम गंभीर की मौजूदगी में मंच पर यह बात कही जबकि वह क्षेत्र प्रवेश वर्मा का नहीं गौतम गंभीर का था।

अमित शाह ने केवरीवाल को दी ये चुनौती

अमित शाह ने केवरीवाल को दी ये चुनौती

बता दें पूर्वी दिल्ली के कड़कड़डूमा में ईस्ट दिल्ली हब का शिलान्यास के अवसर पर अमित शाह ने कहा था कि 'पांच साल का लेखा जोखा लेकर मैं केजरीवाल को कहना चाहता हूं कि दिल्ली का कोई भी सार्वजनिक स्थान तय कर लो। भारतीय जनता पार्टी का सांसद प्रवेश वर्मा आपके साथ चर्चा करने के लिए उपलब्ध हो जाएंगे, कि भारत सरकार ने क्या किया दिल्ली सरकार ने क्या किया? अमित शाह के बार-बार प्रवेश वर्मा का नाम लेने का यह तात्पर्य लगाया जा रहा है कि क्या दिल्ली में बीजेपी नेतृत्व लड़ाई को केजरीवाल बनाम प्रवेश वर्मा बनाने की कोशिश कर रहा है?

प्रवेश वर्मा को इसलिए बनाया जा सकता है सीएम पद का उम्मीदवार

प्रवेश वर्मा को इसलिए बनाया जा सकता है सीएम पद का उम्मीदवार

अगर मनोज तिवारी और प्रवेश वर्मा की बात करें तो दोनों ही दिल्ली से दोबारा सांसद चुन कर आए है। मनोज तिवारी की दिल्ली में रहने वाले भोजपुरी बोलने वाले पूर्वांचली लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है वहीं प्रवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व सीएम रहे साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं और हरियाणा से सटे दिल्ली के इलाकों में रहने वाले जाट समुदाय में उनकी खासी पैठ मानी जाती है।

इतना ही नहीं प्रवेश वर्मा दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ वोटों के साथ विजयी हासिल करतेआए हैं। बात 2019 के आम चुनाव की करें तो वहो दिल्ली में सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीतने वाले बीजेपी के उम्मीदवार रहे। उन्‍होंने पश्चिम दिल्ली सीट से कांग्रेस प्रतिनिधि को 5,78,586 वोटों के अंतर से हराया था।

वहीं उत्तर-पश्चिम दिल्ली में मनोज तिवारी और शीला दीक्षित के बीच हार का अंतर 3,66,102 वोट रहा। वोट शेयर के मामले में भी प्रवेश वर्मा 40.13 फीसदी पाकर मनोज तिवारी के 25.05 फीसदी पर भारी पड़े थे। इसलिए माना जा रहा है अमित शाह के प्रवेश वर्मा का नाम लेकर बार बार केजरीवाल को चुनौती देने के पीछे ये कारण हो सकता है कि भाजपा आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीएम के उम्मीदवार के रुप में प्रवेश वर्मा को उतारने पर विचार कर चुकी हैं!

पिछली बार किरण बेदी थी सीएम पद की उम्मीवार

पिछली बार किरण बेदी थी सीएम पद की उम्मीवार

गौरतलब है कि पिछली बार भी चुनाव मोदी बनाम केजरीवाल न बने इस प्रयास में भाजपा नेतृत्व ने अंतिम समय में केजरीवाल की सहयोगी रही किरण बेदी को पार्टी में शामिल कर सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया था। जैसे ही किरण बेदी को बीजेपी ने नाम आगे किया गया, मनोज तिवारी ने कहा था कि हमें दारोगा नहीं चाहिये, हमें नेता की जरूरत है। हालांकि बाद में मनोज तिवारी को समझाना पड़ा कि उनके शब्द और इरादे में फर्क था। वैसे मनोज तिवारी ने जो बात कही थी वो दिल्ली बीजेपी के ज्यादातर नेताओं के मन की बात ही थी। मालूम हो कि किरण बेदी खुद अपनी सीट नहीं जीत पाई थीं और भाजपा को राज्य में 70 में महज 3 सीटें मिलीं थी।

इसे भी पढ़े- 7th Pay Commission: 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार का तोहफा, जनवरी से 10,000 रु तक बढ़ सकती है सैलरी

Comments
English summary
Instead of Manoj Tiwari, BJP is going to make this effective MP of Delhi a CM candidate to contest CM Arvind Kejriwal in Delhi Assembly elections, know the truth
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X