रिकवरी के बाद भी क्यों परेशान करते हैं ओमिक्रॉन के लक्षण? इसके बारे में सबकुछ जानिए
मुंबई, 26 जनवरी: कई लोग दावा करते नहीं थकते कि ओमिक्रॉन के लक्षण बहुत ही हल्के होते हैं, सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे होते हैं। लेकिन कोविड के इस नए वेरिएंट को फिर भी हल्के में लेना सही नहीं है। एक्सपर्ट बार-बार आगाह कर रहे हैं कि अभी इससे संबंधित पर्याप्त डाटा उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए अभी इसके लंबे समय में पड़ने वाले प्रभाव को नहीं समझा जा सकता है। समझदारी इसी में है कि हमसे ऐसी कोई लापरवाही ना हो, जिसके चलते हमें उसके लक्षण इंफेक्शन खत्म होने के बाद भी पीड़ा देते रहें। क्योंकि, सरकार ने तो सात दिन में आइसोलेशन खत्म करने की बात कह दी है। लेकिन, हो सकता है कि इंफेक्शन खत्म होने के बाद भी मरीज के शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ होने के लिए और भी वक्त चाहिए। इसलिए कोविड मरीजों को चाहिए कि जल्दबाजी ना करें, आराम करें और शरीर को पर्याप्त समय दें।
ओमिक्रॉन के रिकवरी के बाद वाले लक्षण क्या हैं ?
ओमिक्रॉन का इंफेक्शन खत्म होने के बाद भी हल्का बुखार के अलावा गले में खराश और नाक बंद रहने जैसी शिकायतें हो सकती हैं। ओमिक्रॉन से पीड़ित होने वाले कई लोगों ने तो संक्रमण खत्म होने के बाद पीठ के दर्द के भी कायम रहने की शिकायतें दर्ज की हैं। इसलिए ओमिक्रॉन को हल्का मानकर इसकी गंभीरता को नजरअंदाज करना सही नहीं है।
दर्द का कारण क्या है?
मुंबई के परेल स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी एंड क्रिटिकल केयर के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर हरीश चैफ्ले मीडिया को पहले ही बता चुके हैं कि मांसपेशियों में दर्द होना वायरल इंफेक्शन में बहुत ही सामान्य लक्षण है। कोविड भी वायरल इंफेक्शन है। हालांकि उनके मुताबिक 'लेकिन हम ओमिक्रॉन से ठीक होने के बाद भी पीठ दर्द के अधिक मामले देख रहे हैं, जिसे मरीज कमजोरी बताते हैं। लेकिन, क्योंकि ओमिक्रॉन पर आंकड़े सीमित हैं और जीन सिक्वेंसिंग महंगा है, इसके 'कारण को स्पष्ट करना मुश्किल है।'
दर्द से छुटकारा कैसे पाएं ?
कोविड से ठीक होने के बाद शरीर पर ज्यादा दबाव डालने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इससे रिकवरी के बाद मांसपेशियों के साथ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने शरीर को पूरी तरह स्वस्थ होने के लिए थोड़ा वक्त दें। पर्याप्त आराम करें और पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेते रहें। पोस्ट-कोविड सिंड्रोम एक वास्तविकता है और मरीजों के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ होने का अवसर दें।
ओमिक्रॉन को हल्का मानकर नजरअंदाज क्यों नहीं किया जा सकता ?
सच्चाई ये है कि भले ही ओमिक्रॉन के संक्रमण के बाद लक्षण हल्के हों, लेकिन इसके बावजूद लॉन्ग-कोविड की आशंकाओं को खारिज नहीं किया जा सकता। डॉक्टर हरीश के मुताबिक, 'हो सकता है कि अभी यह जान पाना बहुत जल्दबाजी हो कि नए ओमिक्रॉन वेरिएंट से संबंधित लंबी-अवधि के लक्षण क्या कुछ हो सकते हैं।' वो कहते हैं, 'माइल्ड केसों में भी, कोई भी कोविड मरीज लंबे समय तक उससे जुड़े लक्षणों से पीड़ित रह सकता है। इस अवधि को समझना या यह स्थिति कब तक बनी रहेगी, यह अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुआ है। ऐसा बताया गया है कि यह स्थिति तीन महीनों तक भी रह सकती है, कुछ ने बताया है कि यह 6 महीनों तक चल सकता है और संभावित तौर पर 9 महीनों तक भी जारी रह सकता है।'