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जाकिर नाईक ने कहा था, तलवार के दम पर 80 प्रतिशत हिंदुओं को बना देते मुसलमान

होम मिनिस्ट्री ने नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि क्यों लगाया जाकिर नाईक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर बैन?

By Rajeevkumar Singh
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दिल्ली। विवादित धर्मोपदेशक जाकिर नाईक अपने भाषणों में ओसामा बिन लादेन की प्रशंसा करते हुए यह कहा करते थे कि हर मुस्लिम को आतंकवादी होना चाहिए। नाईक ने धर्म विशेष के खिलाफ जहर उगलते हुए यह कहा था कि अगर इस्लाम चाहता तो 80 प्रतिशत हिंदू, हिंदू नहीं रह जाते।

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गृह मंत्रालय ने बताया प्रतिबंध की वजह

गृह मंत्रालय ने बताया प्रतिबंध की वजह

विवादित धर्मोपदेशक जाकिर नाईक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर पांच साल के लिए लगाए गए प्रतिबंध की वजहों का खुलासा गृह मंत्रालय ने अपने गैजेट नोटिफिकेशन में किया है।

मंत्रालय की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि जाकिर नाईक और उनकी संस्था आईआरएफ के मेंबर्स धार्मिक समुदायों के बीच नफरत पैदा करने का काम करते थे और अपने अनुयायियों को भी ऐसा करने के लिए उकसाते थे।

धर्म और देवी-देवताओं पर भड़काने वाली टिप्पणी

धर्म और देवी-देवताओं पर भड़काने वाली टिप्पणी

होम मिनिस्ट्री ने नोटिफिकेशन में कहा कि केंद्र सरकार को आईआरएफ के प्रेसिडेंट जाकिर नाईक के बयानों और भाषणों के बारे में सूचना मिली। उन बयानों और भाषणों में आपत्तिजनक और भड़काने वाली बातें कही गई हैं। भाषण में ओसामा बिन लादेन की प्रशंसा करते हुए यह आह्वान किया गया कि हर मुसलमान को आतंकी होना चाहिए।

जाकिर नाईक ने भाषणा में यह भी कहा था कि अगर इस्लाम चाहता तो तलवार के दम पर अस्सी फीसदी हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवा लिया जाता। नाईक ने आत्मघाती बम धमाके को उचित ठहराया और हिंदू धर्म के देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की। अन्य धर्मों के खिलाफ भी नाईक ने भड़काऊ बातें कही।

धार्मिक समुदायों में नफरत फैलाने की साजिश

धार्मिक समुदायों में नफरत फैलाने की साजिश

होम मिनिस्ट्री का कहना है कि बयानों और भाषणों के जरिए जाकिर नाईक ने धार्मिक समुदायों के बीच नफरत और दुश्मनी को बढ़ावा देने की कोशिश की और मुस्लिन नौजवानों को भड़काया। भारत और विदेश में आतंकवादियों को आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया।

आतंकियों को जाकिर नाईक से मिली प्रेरणा

गृह मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी सुधीर कुमार सक्सेना ने इस नोटिफिकेशन को जारी किया है जिसमें यह भी कहा गया है कि गिरफ्तार आतंकियों और इस्लामिक स्टेट से जुड़े लोगों ने भी जाकिर नाईक के भाषणों से प्रेरणा लेने की बात स्वीकार की है।

इसलिए आईआरएफ को किया गया बैन...

इसलिए आईआरएफ को किया गया बैन...

गृह मंत्रालय ने पाया है कि जाकिर नाईक और उनकी संस्था आईआरएफ का काम धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला और भड़काऊ प्रकृति का था। अगर इसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई नहीं की जाती तो इस बात की आशंका थी कि नौजवान इनसे प्रेरणा लेकर आतंकी घटना को अंजाम दे सकते थे जिसके बाद धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी और बढ़ सकती थी।

आगे नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सारी परिस्थितियों पर विचार करते हुए केंद्र सरकार ने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को एक गैरकानूनी संस्था घोषित किया है।

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English summary
Home Ministry in its notification said about the caused that forced govt to act against Zakir Naik's NGO Islamic Research Foundation.
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