कौन हैं जगमोहन सिंह राजू, जिन्होंने सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए IAS की नौकरी छोड़ दी ?
नई दिल्ली, 28 जनवरी: पंजाब में अमृतसर पूर्व विधानसभा चुनाव क्षेत्र में इस बार का मुकाबला बेहद दिलचस्प होने जा रहा है। यहां से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू दोबारा चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश होना चाहते हैं और उनकी नजरें मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पर अटकी पड़ी हैं। लेकिन, पहले शिरोमणि अकाली दल ने उनके खिलाफ विक्रम सिंह मजीठिया को उतारकर उन्हें मुश्किलों में डालने की कोशिश की थी और अब बीजेपी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने वाले तमिलनाडु कैडर के वरिष्ठ अधिकारी जगमोहन सिंह राजू को वहां से टिकट दे दिया है। आइए जानते हैं जगमोहन सिंह राजू और उनके इस नए मिशन के बारे में।
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सिद्धू को टक्कर देने के लिए आईएएस से इस्तीफा
गुरुवार को ही तमिलनाडु के एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी डॉक्टर जगमोहन सिंह की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मंजूर की गई है। उसके कुछ घंटों बाद ही पंजाब के लिए जारी भाजपा प्रत्याशियों की लिस्ट में उनका नाम शामिल किया गया है। उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को लिखे अपने इस्तीफे में इसका कारण अपने 'गृहराज्य पंजाब की दुखदायी स्थिति ' बताते हुए 'बहुत ही भारी मन' से इस्तीफे की बात कही है। क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें '(पंजाब की)धरती के पुत्र' होने के नाते कुछ करने की आवश्यकता है। लिस्ट घोषित होने से पहले तक भाजपा ने उनका इस्तीफा मंजूर किए जाने का इंतजार किया।
पंजाब की 'दुखदायी' स्थिति देखकर लिया फैसला
पूर्व आईएएस अफसर ने दी प्रिंट से कहा है, 'मैं 1980 के दशक में तमिलनाडु के लिए पंजाब से निकल गया। जब मैं निकला तो यह सभी मापदंडों में टॉप पर था, लेकिन अब यह हर पहलुओं पर बुरी तरह से पिछड़ चुका है- आर्थिक विकास, कृषि की स्थिति, सामाजिक न्याय आदि। तमिलनाडु ऊपर चला गया और पंजाब नीचे चला गया।' वे बीजेपी की ओर से उम्मीदवार घोषित होने से पहले से कह रहे थे कि वह किसी भी पार्टी के साथ काम करने के लिए तैयार हैं, जो केंद्र में सत्ता में हो, क्योंकि पंजाब का विकास केंद्र-राज्य समन्वय से ही संभव है। उनका कहना है, 'मैं एक ट्रेंड ब्यूरोक्रैट हूं और विभिन्न सरकारों के साथ काम किया है। विचारधारा मुझे परेशान नहीं करती, पंजाब का कल्याण करता है। '
क्या पंजाब इसके लायक है?
उन्होंने आईएएस जैसी नौकरी छोड़कर पंजाब में चुनाव लड़ने के बारे में बात करते हुए वहां के मौजूदा माहौल पर गहरी निराशा जताई है। उन्होंने कहा है, 'ये क्या पंजाब में चुनाव हो रहा है? मैं तो खाली गाली-गलौच सुनता हूं। प्रत्याशी सिर्फ एक-दूसरे को गालियां दे रहे हैं, कोई पंजाब की विकास की बात नहीं कर रहा। क्या पंजाब इसके लायक है?' उन्होंने कहा है कि पंजाब और तमिलनाडु में कई समानताएं हैं। दोनों में क्षेत्रीय दलों की सरकारें रही हैं। अंतर सिर्फ यही है कि पंजाब नीचे गया है और तमिलनाडु ऊपर।
कौन हैं जगमोहन सिंह राजू ?
जगमोहन सिंह राजू 1985 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस अफसर रहे हैं। वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में विजिटिंग फेलो भी हैं और 2016 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से पब्लिक पॉलिसी में पीएचडी भी किया है। उनके ट्विटर बायो के मुताबिक वह लेखक भी हैं। उन्होंने सिर्फ 22 साल की अवस्था से तमिलनाडु में अपनी सेवाएं दी हैं और कई बार केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर भी रहे हैं। उनके मुताबिक वह तमिलनाडु से पेरियार की शिक्षा के साथ-साथ आत्म सम्मान आंदोलन के इतिहास सीखकर जा रहे हैं। राजू पर बीआर अंबेडकर और गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं का भी गहरा प्रभाव है। उनकी पत्नी अनू सिंह सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज में मेंबर हैं।
कृषि कानून वापस होने पर पीएम मोदी को दिया था धन्यवाद
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का ऐलान किया था तो राजू ने ट्विटर पर लिखा था, 'कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाथ जोड़कर धन्यवाद। इससे किसानों, खासकर पंजाब के किसानों को बहुत बड़ी राहत मिली है। दयालुता और उदारता एक राजनेता के गुण हैं। गुरु नानक जी आपको आशीर्वाद दें सर।' (जगमोहन सिंह राजू की तस्वीरें @jagmohansraju के सौजन्य से)