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जब रुहानी बोले- ज़िंदाबाद इस्लाम, ज़िंदाबाद हिंदुस्तान

भारत दौरे पर आए ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने उम्मीद जताई है कि ये दोनों देश एक नई सभ्यता के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे.

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद स्थिति ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में जुमे की नमाज़ के लिए जुटे लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने मुसलमानों से पंथ के आधार पर होने वाले मतभेदों से ऊपर उठने को कहा.

 

By BBC News हिन्दी
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हसन रुहानी
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भारत दौरे पर आए ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने उम्मीद जताई है कि ये दोनों देश एक नई सभ्यता के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे.

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद स्थिति ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में जुमे की नमाज़ के लिए जुटे लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने मुसलमानों से पंथ के आधार पर होने वाले मतभेदों से ऊपर उठने को कहा.

ईरान के राष्ट्रपति शनिवार को नई दिल्ली में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे नेताओं से मुलाक़ात करेंगे. वो व्यापारियों से भी मुलाक़ात करेंगे.

हसन रुहानी
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सहयोग बढ़ाएंगे

रुहानी ने शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच नमाज अदा की.

मक्का मस्जिद में जुटे लोग रुहानी की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे. उनमें से ज्यादातर लोग अपने स्मार्टफोन में उनकी तस्वीर क़ैद करते नज़र आए. मस्जिद के हॉल में सदा कपड़ों में करीब सौ पुलिसकर्मी तैनात थे.

नमाज़ के बाद रुहानी ने वहां जुटे लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान भारत के साथ सहयोग बढ़ाएगा.

उन्होंने कहा, "ईरान तेल, गैस और ऊर्जा के लिहाज से समृद्ध है. ईरान भारत के विकास और प्रगति के लिए अपने हिस्से के गैस, तेल और ऊर्जा के संसाधन साझा करने को तैयार है. "

उन्होंने ये भी कहा कि चाबहार पोर्ट के जरिए सहयोग बढ़ेगा. इस बंदरगाह को विकसित करने में भारत ईरान की मदद कर रहा है. ये बंदरगाह ईरान और पाकिस्तान की सीमा के करीब है. इसके जरिए भारतीय उत्पादों को अफ़गानिस्तान और मध्य एशिया तक भेजा जा सकेगा. भारत को सामान भेजने के लिए पाकिस्तान के ज़मीनी रास्ते की जरुरत नहीं होगी.

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हसन रुहानी
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नियमों में छूट

रुहानी ने कहा कि हैदराबाद और ईरान के मुसलमानों के बीच के संबंध सदियों पुराने हैं और उन्हें मजबूत किए जाने की जरूरत है.

उन्होंने ऐलान किया कि उनकी सरकार भारतीयों के लिए वीज़ा नियमों में छूट देगी और उम्मीद जताई कि 'भारत भी ऐसा ही करेगा'.

संस्कृति और भाषा के लिहाज से भारत और ईरान के संबंध सदियों पुराने हैं लेकिन हाल के बरसों में इन संबंधों में कई झटके लगे हैं.

साल 2009 में जब भारत ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम की आलोचना के लिए इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी के प्रस्ताव का समर्थन किया तो ईरान खुश नहीं था. बाद के बरसों में भारत ने ईरान से तेल आयात में भी कमी की. बीते साल ईरान से प्रतिबंध हटाने जाने के बाद भारतीय कंपनियां इस देश को निवेश की उम्दा जगह के तौर पर देख रही हैं.

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अमरीका नहीं हो सकता मशाल वाहक

रूहानी ने मुसलमानों की एकता पर ज़ोर देते हुए कहा कि अगर मुसलमान एकजुट होते तो दुनिया फ़लस्तीन के मुसलमानों को चोट पहुंचने का साहस नहीं करती.

उन्होंने कहा, "हमारा एक मात्र ध्येय दुनिया के मुसलमानों के बीच एकजुटता को बढ़ावा देना है."

अमरीका के एक स्कूल में हालिया गोलीबारी का जिक्र करते हुए रुहानी ने कहा, "पश्चिमी देशों और अमरीका में, स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में लोगों की सामूहिक तौर पर जान ली जाती है और इसका मतलब ये है कि अमरीका मानवता का मशाल वाहक नहीं हो सकता है. "

उन्होंने अपने भाषण का समापन 'ज़िंदाबाद इस्लाम, ज़िंदाबाद हिंदुस्तान, ज़िंदाबाद ईरान' कहते हुए किया.

रूहानी शुक्रवार को क़ुली क़ुतुब शाह के मकबरे पर भी गए.

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English summary
When Rouhani says Zindabad Islam Zindabad Hindustan
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