कोविशील्ड की दूसरी खुराक में गैप होने से इसकी प्रभावकारिता पर क्या पड़ेगा असर? जानिए एक्सपर्ट के जवाब
बेंगलुरु, मई 16। सरकार ने हाल ही में कोविशील्ड की दोनों डोज के बीच के अंतराल को 6-8 हफ्ते से बढ़ाकर 12-16 हफ्ते कर दिया था। देश में वैक्सीन की कमी के कारण सरकार ने ये फैसला लिया, लेकिन इस फैसले से वैक्सीन की प्रभावकारिता को लेकर लोगों के मन में शंका पैदा कर दी है। खासकर उन लोगों के मन में अब शंका ज्यादा पैदा हो रही है, जिन्होंने इस वैक्सीन की दूसरी डोज 6-8 सप्ताह के अंतराल पर ली है। बेंगलुरु के 61 वर्षीय श्रीधर एमएस का कहना है कि हमने कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज 6-8 सप्ताह में ली थी, लेकिन सरकार की जो नई घोषणा है उसने हमें भ्रमित कर दिया है।
इस शंका को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट
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- लोगों के मन में उठ रही इस तरह की शंकाओं को लेकर वेल्लोर स्थिति क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर और क्लिनिकल वायरोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के प्रमुख डॉ. टी जैकब जॉन का कहना है कि लोग अपने मन में किसी तरह का भ्रम नहीं पालें। उन्होंने कहा कि कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज को लेने में देरी होने से कोई समस्या नहीं होगी।
- उन्होंने कहा कि कोविशील्ड का टीका चार हफ्ते के अंतराल के बाद जो सुरक्षा प्रदान करता है वो बीमारी के गंभीर रूप के खिलाफ है। वहीं हल्के और मध्यम कोरोना के खिलाफ 100 फीसदी नहीं है, लेकिन जब ये टीका 12 हफ्ते के अंतराल के बाद लगेगा तो हल्के और मध्यम कोरोना के खिलाफ भी इसकी प्रभावकारिता बढ़ जाती है।
- डॉक्टर जॉन ने ये स्वीकारा है कि इसको लेकर कोई स्टडी नहीं की गई है कि टीके की दूसरी डोज में 12-16 हफ्ते का अंतराल रखने के बाद प्रभावकारिता ज्यादा होगी। अभी तक सभी टीकों को लेकर जो बात सामने आई है वो यही कि दूसरी डोज को लेने में एक साल का गैप रखने से ही पहली खुराक प्रभावी होती है।
- डॉक्टर जॉन का कहना है कि स्थिति को देखते हुए चार सप्ताह का अंतराल सही है, लेकिन अगर सप्लाई में कोई समस्या है तो इसे हम 12-16 कर सकते हैं। इससे ये है कि अधिक लोगों को पहली खुराक मिल जाएगी।