सीजेआई को मिलती है कितनी सैलरी और क्या-क्या सुविधाएं?
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को मिलती है इतनी सैलरी और ये सब सुविधाएं...
नई दिल्ली। चालीस दिनों तक चली लंबी सुनवाई के बाद आखिकार सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे चर्चित मामले 'अयोध्या केस' में अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन रामलला विराजमान को देने और मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही किसी और जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि यह पांचों जजों की सर्वसम्मति से लिया गया फैसला है। इस केस में फैसला सुनाने वाले सीजेआई रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। आइए जानते हैं कि देश के मुख्य न्यायाधीश यानी सीजेआई की सैलरी कितनी होती है और उनके पास कौन-कौन सी शक्तियां होती हैं।
ये है सीजेआई का वेतन
सीजेआई का वेतन देश के प्रधानमंत्री से भी ज्यादा होता है। पिछले साल जनवरी में कानून मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों के वेतन में करीब 200 फीसदी तक की बढोत्तरी की थी। इस बढोत्तरी के बाद सीजेआई का वेतन अब 2.80 लाख रुपए प्रति माह हो गया है। इस बढोत्तरी से पहले सीजेआई का वेतन 1 लाख रुपए प्रति माह था। सीजेआई के अलावा सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों का वेतन 2.50 लाख रुपए प्रति माह होता है। इससे पहले इनका वेतन 90 हजार रुपए प्रति माह था।
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सैलरी के अलावा मिलती हैं ये सुविधाएं
वेतन के अलावा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को रहने के लिए एक आवास उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा उन्हें कार, कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी और बिजली खर्च सहित अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं। सीजेआई को 45 हजार रुपए सत्कार भत्ता दिया जाता है। रिटायर होने के बाद सीजेआई को 16,80,000 रुपए सालाना पेंशन मिलती है। सीजेआई के अधिकार और शक्तियों की अगर बात करें तो उनके पास कोर्ट में जज और कर्मचारी नियुक्त करने का अधिकार होता है। सीजेआई की सलाह के बाद ही हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति होती है।
17 नवंबर को रिटायर होंगे सीजेआई
आपको बता दें कि सीजेआई रंजन गोगोई ने 3 अक्टूबर 2018 को देश के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला था। रंजन गोगोई सीजेआई के पद पर पहुंचने वाले पूर्वोत्तर भारत के पहले मुख्य न्यायधीश हैं। 18 नवंबर 1954 को जन्मे सीजेआई रंजन गोगोई ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की है। सीजेआई गोगोई 17 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हो रहे हैं।
ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधित्व
गौरतलब है कि अयोध्या में रामजन्मभूमि की विवादित जमीन पर एक दावेदार निर्मोही अखाड़ा भी था। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े की दावेदारी को खारिज कर दिया। हालांकि कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विवादित भूमि पर मंदिर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार तीन महीने के भीतर ट्रस्ट बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही किसी और जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश भी दिया है।
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