सोनिया गांधी कांग्रेस में अकेले क्या करने वाली हैं, जो नेहरू-इंदिरा और राजीव मिलकर भी ना कर पाए ?
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर: कांग्रेस की ओर से यह साफ किया जा चुका है कि कम से कम एक साल तक और सोनिया गांधी ही पार्टी के अध्यक्ष पद पर बनी रहेंगी। दरअसल, पार्टी के कई नेता ही सवाल उठा रहे थे कि अंतरिम अध्यक्ष जैसी व्यवस्था से पता ही नहीं चल पा रहा है कि फैसले ले कौन रहा है? लेकिन, सोनिया ने साफ कर दिया है कि वही अध्यक्ष हैं और अगले साल तक नई व्यवस्था बनाने तक वही इसपर काबिज भी रहेंगी और जिसे भी कुछ पूछना हो, सीधे उनसे पूछे और मीडिया में जाने की प्रवृत्ति छोड़ दे। सोनिया गांधी कांग्रेस के इतिहास में सबसे लंबे वक्त तक इस पद पर रहने का रिकॉर्ड एक दशक पहले ही बना चुकी हैं। यानी वह अगले एक साल और अध्यक्ष रहेंगी तो वह जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को मिलाकर भी कांग्रेस अध्यक्ष का जितना कार्यकाल होता है, उससे ज्यादा समय तक इस पद पर रहने वाली नेता बन जाएंगी।

कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी बनाने वाली हैं नया रिकॉर्ड
सोनिया गांधी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के परिवार की पांचवीं ऐसी सदस्य हैं, जिन्होंने कांग्रेस का नेतृत्व किया है। आजादी के पहले वाली कांग्रेस और अबकी कांग्रेस में वास्तव में कोई जुड़ाव रह गया है या नहीं, यह बहस का अलग मुद्दा हो सकता है। लेकिन, हम यहां नेहरू-गांधी परिवार के सदस्यों का इस पार्टी को नेतृत्व दिए जाने की चर्चा कर रहे हैं। पार्टी की मौजूदा अध्यक्ष (अंतरिम या पूर्णकालिक) सोनिया गांधी मोटे तौर पर 21 साल यह पद संभाल चुकी हैं। अगर गांधी-नेहरू परिवार के सभी सदस्यों का कार्यकाल को भी जोड़ दिया जाए तो आने वाले दिनों में सोनिया उन सबके कार्यकाल को मिलाकर भी आगे निकल जाएंगी।

परिवार के चार अध्यक्षों पर भारी सोनिया का कार्यकाल
2010 में जब मनमोहन सिंह यूपीए-2 सरकार के मुखिया थे, तब कांग्रेस के कुछ नेता सबसे ज्यादा समय तक सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहने का रिकॉर्ड बनाने के लिए जश्न मनाना चाहते थे। लेकिन, तब उन्होंने कांग्रेसियों से कहा था कि एकबार तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से पूछ लीजिए, क्योंकि उनकी यादाश्त बहुत अच्छी है। उस घटना के 11 साल बाद भी सोनिया ही उस पद पर काबिज हैं और लगता है कि वह जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कुल कार्यकाल से भी ज्यादा समय तक इसकी अध्यक्षता करने की तैयारी कर चुकी हैं। पिछले लोकसभा चुनावों से पहले उन्होंने अपने बेटे राहुल गांधी के लिए यह पद छोड़ दिया था, लेकिन 2019 में पार्टी को मिली करारी हार के बाद राहुल ने इस्तीफा दिया तो सोनिया को फिर से अंतरिम या अस्थायी अध्यक्ष के तौर पर यह जिम्मेदारी संभालनी पड़ी।

अगले साल तक सोनिया ही करेंगी कांग्रेस का नेतृत्व
पिछले 16 अक्टूबर को कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने जो घोषणा की है, उससे तय है कि अगले एक साल और सोनिया गांधी (पूर्णकालिक) ही कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बनी रहने वाली हैं। अगले साल 21 अगस्त से 30 सितंबर के बीच में उनका उत्तराधिकारी (राहुल गांधी का नाम ही लगभग तय माना जा रहा है) चुना जाएगा। सीडब्ल्यूसी की बैठक में उन्होंने कांग्रेस के उन जी-23 नेताओं (कपिल सिब्बल के शब्दों में 'जी हूजूर-23 नहीं') को लताड़ लगाते हुए हिदायत दी थी कि 'मीडिया के जरिए उनसे बात ना करें' और वहीं पार्टी की 'पूर्ण-कालिक और व्यावहारिक अध्यक्ष' हैं।

8 साल तक कांग्रेस अध्यक्ष रहे थे नेहरू
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू कांग्रेस के वैसे अध्यक्ष थे, जिनका कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल आजादी से पहले और आजादी के बाद भी रहा था। उन्होंने 1929 और 1930 में कांग्रेस की अध्यक्षता की थी। फिर वे 1936-37 और 1951-54 में भी कांग्रेस अध्यक्ष रहे और इस तरह से उन्होंने कुल 8 साल कांग्रेस की अगुवाई की थी।

7-7 वर्ष इंदिरा और राजीव ने की कांग्रेस की अगुवाई
नेहरू की इकलौती बेटी और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को 7 वर्षों तक कांग्रेस की अध्यक्षता करने का मौका मिला था। पहली बार उन्हें यह मौका 1959 में मिला। फिर उन्होंने 1978 से 1984 के बीच भी कांग्रेस का नेतृत्व किया। जब 1984 में उनकी हत्या हो गई तो उनके बड़े बेटे राजीव गांधी के पास भारत के प्रधानमंत्री और कांग्रेस के अध्यक्ष दोनों का पद आ गया। 1991 में उनकी हत्या तक वही कांग्रेस के अध्यक्ष का पद संभाल रहे थे। इस तरह से उनका भी कार्यकाल करीब 7 वर्षों का रहा।
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भी
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की
वजह
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कांग्रेस
हिट
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कर
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6 दशकों में 7 साल ही गांधी परिवार से 'दूर' रहा यह पद
2017 में सोनिया गांधी ने सबसे लंबे वक्त तक कांग्रेस अध्यक्ष रहने के बाद इसकी कमान अपने बेटे राहुल गांधी को सौंप दी। मई, 2019 में जब लोकसभा का परिणाम आया और राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस 543 में से 52 सीटें ही जीत पाई तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इस तरह से पिछले 43 वर्षों में से बीच के सात साल छोड़कर कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर इंदिरा गांधी के परिवार का ही कोई सदस्य विराजमान रहा है। सिर्फ 1991 (राजीव के निधन के बाद) से लेकर 1998 के बीच में इस पद पर पूर्व पीएम नरसिम्हा राव और सीताराम केसरी को रहने का मिला था, जिन्हें किन परिस्थितयों में हटना पड़ा, वह बहस का एक अलग मुद्दा है। इसके बाद ही पद सोनिया गांधी के पास आ गया था, जिसपर वह आजतक काबिज हैं।