26/11 के हमले में क्या हुआ था नरीमन हाउस में जब मोशे की नानी को दुनिया ने किया था सलाम
क्या हुआ था
नई दिल्ली। साल 2008 के नंवबर की 26 तारीख पूरे देश को आज भी याद है हमारी आर्थिक राजधानी पर हमला हुआ था। इसमें भी कुछ ही लोगों को पता है कि नरीमन हाउस यानी छाबड़ लुबाविच केंद्र पर भी लश्कर-ए-तैयबा ने हमला किया था। इस घटना के चलते यह हाउस विश्व भर में विख्यात हो गया। दंपति रब्बी गेव्रिएल और रिवका होल्ट्जबर्ग इसके निदेशक थे। दोनों की मौत 26 नवंबर को हुए हमले में हो गई थी। इस घटना में 6 अन्य लोग भी मारे गए थे। दंपति ने दक्षिण मुंबई के कोलाबा क्षेत्र में पांच मंजिला इमारत मेंछाबड़ लुबाविच आंदोलन के लिए एक सांस्कृतिक और आउटरीच केंद्र चलाते थे।
भारतीय नानी ने बचाया था
इस जोड़े का बेटा मोश होल्त्ज़बर्ग, जो दो साल का था और उनकी भारतीय नानी ने उन्हें बचाया था। मोशे, नरीमन हाउस में इस सप्ताह पहली बार वापस आएगा। इस त्रासदी में नौ साल पहले उसका परिवार मारा गया था। मोशे अपने परिवार के साथ छाबड़ हाउस में रहते थे। जब नरीमन हाउस पर हमला हुआ तो उस वक्त रात के 9.45 बज रहे थे और मोशे अपनी नानी संद्रा सैम्युअल के पास सो रहे थे। उनका रूम हाउस के पांचवे फ्लोर पर था।
सैम्युअल फर्स्ट फ्लोर पर गईं जहां उनका सामना आतंकी से हुआ
बच्चे को सुलाने के बाद सैम्युअल फर्स्ट फ्लोर पर गईं जहां उनका सामना आतंकी से हुआ। सैम्युअल ने फिर दरवाजा बंद किया और खुद को एक स्टोरेज रूम में छिपा लिया। सैम्युअल, अन्य परिवारीजनों तक पहुंचने की कोशिश करने लगी। उन्होंने इस दौरान कुछ गोलियों की आवाज भी सुनी। सैम्युअल ने रोते हुए मोशे को उठाया और बिल्डिंग के बाहर भाग गईं।
इजरायल के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से नवाजा गया
कुछ देर बाद नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स की ओर से कंफर्मेशन मिली कि मोशे के माता पिता को मारा जा चुका है। इसके बाद मोशे अपने अन्य परिजनों के साथ रहने के लिए इजरायल वापस लौट गया। उस वक्त मोशे के पास पासपोर्ट तक नहीं था। तब उसे एक स्पेशल वीजा दिया गया ताकि वो इजरायल जा सके। सैम्युअल अभी इजरायल में मोशे के साथ रहती हैं। मोशे को बचाने के बाद सैम्युअल एक हीरो के तौर पर उभरी और उन्हें इजरायल के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से नवाजा गया है।