नीरव मोदी-मेहुल चोकसी के फरार होने के एक माह बाद बैंकों ने शिकायत की: CBI
नई दिल्ली। सीबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर मेहुल चोकसी और नीरव मोदी देश से फरार है, तो इसका भांडा जांच एजेंसी पर नहीं फोड़ा जाना चाहिए। सीबीआई ने शनिवार को कहा, 'नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के देश छोड़ने के लगभग एक महीने बाद पीएनबी से इस संबंध में उन्हें शिकायत प्राप्त हुई थी। इसलिए, उनके (मोदी-चोकसी) देश से भागने के पीछे किसी भी सीबीआई अधिकारी पर सवाल खड़ा नहीं होता है।
सीबीआई ने गुरुवार को कहा था कि वे उस वक्त माल्या जांच में सहयोग कर रहे थे और उनके खिलाफ कोई वॉरंट नहीं था। तीन साल बाद इस विवाद के फिर से सामने आने के बाद सीबीआई सूत्रों ने कहा कि पहला लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) 12 अक्तूबर 2015 को जारी किया गया था। इस बीच सीबीआई ने शनिवार को एक बार फिर कहा है कि उन्होंने एक उचित प्रक्रिया के हिसाब से ही उस पर कार्रवाई की थी।
सीबीआई ने कहा, 'जैसा कि हम पहले कई बार कह चुके हैं कि विजय माल्या के खिलाफ एलओसी बदलने का निर्णय उस समय लिया गया था जब सीबीआई के पास उसे गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं था। प्रोसेस के एक पार्ट को देखते हुए निर्णय लिया गया था, जो कि कथित रूप से किसी अधिकारी द्वारा नहीं था।'
सीबीआई ने कहा कि बैंकों से शिकायत मिलने के तुरंत बाद ही सीबीआई ने तत्काल कार्रवाई की थी।