Video: लद्दाख में चीन को पस्त करने के बाद डांस करते स्पेशल फोर्स के तिब्बती सैनिक
नई दिल्ली। लद्दाख में चीन बॉर्डर पर इस समय हालात बेहद तनावपूर्ण है। 29 और 30 अगस्त की रात चुशुल में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के साथ भारतीय सेना के जवानों की झड़प हुई है। सूत्रों की मानें तो इस बार तनाव 15 जून से कहीं ज्यादा था। चीन को भारतीय सेना की उस स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) ने मुंहतोड़ जवाब दिया है जिसकी शुरुआत नवंबर 1962 में हुई थी। इस स्पेशल रेजीमेंट को 7 विकास के तौर पर जानते हैं और इसमें ज्यादातर जवान तिब्बत के ही निर्वासित नागरिक होते हैं। इन जवानों का अब एक वीडियो सामने आया है जिसमें ये जवान चीन को करारा जवाब देने के बाद जश्न मनाते हुए नजर आ रहे हैं।
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विकास बटालियन की देखरेख में चला ऑपरेशन
इस वीडियो में एक धुन पर जवान डांस करते हुए नजर आ रहे हैं। उनके करीब ही तिब्बत का झंडा भी लहरा रहा है। कुछ ऑफिसर्स और जवानों को डांस करते हुए देखा जा सकता है। उत्तराखंड के चकराता में एसएफएफ का हेडक्वार्टर है। 15 जून को जब गलवान घाटी में चीनी जवानों ने गुस्ताखी थी तो 16 बिहार रेजीमेंट से उनका सामना हुआ था। इस बार सेना की 7 विकास स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) से चीन का आमना सामना हुआ है। जो जानकारी हमारे पास सेना के सूत्रों की तरफ से आई है उसके मुताबिक 7 विकास की अगुवाई टकराव के समय तिब्बती मूल के ऑफिसर कर रहे थे। जबकि बाकी जवान भी तिब्बत के ही हैं।

सेना ने फेल किया चीन का प्लान
7 विकास के पास चुशुल की सुरक्षा की जिम्मेदारी है और इसमें ज्यादातर तिब्बत के ही मूल निवासी होते हैं। पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से में ऊंचाई पर स्थित चोटियों पर भारत ने फिर से कब्जा कर लिया है। रणनीतिक तौर पर ये चोटियां भारत के लिए काफी अहमियत रखती हैं। इस पूरे ऑपरेशन को विकास बटालियन की देखरेख में चलाया गया है। सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों ने शनिवार की रात पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित ऊंची चोटियों पर कब्जा करने की कोशिशें की थीं। लेकिन भारतीय सेना ने इस प्रयास को विफल कर दिया।

भारत को नसीहत देने लगा चीन
बताया जा रहा है कि भारत ने फिर से उस रेकिन पर कब्जा कर लिया है जो सन् 1962 की जंग में उसके हाथ से चला गया था। रेकिन, रेजांग ला पास के करीब है और यह 17493 फीट की ऊंचाई पर है। यहां से स्पानग्गुर झील और S301 नजर आता है। चीन की तरफ से भी आधिकारिक बयान जारी किया गया है उसमें भी इस बात की भी पुष्टि की गई है। पीएलए के वेस्टनर्प थियेटर कमांड की तरफ से जो बयान आया है उसमें कहा गया है कि भारत की सेना ने गैर-कानूनी तौर पर एलएसी पार की और रेकिन माउंटेन पास को अपने नियंत्रण में ले लिया। वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता कर्नल झांग शुली की तरफ से जारी किया गया है।

15,000 फीट पर टेंशन
कर्नल शुली ने कहा है कि भारत ने बॉर्डर पर तनाव बढ़ा दिया है। चीन का कहना है कि वह रेकिन पास पर भारत के नियंत्रण का विरोध करता है। चीन ने भारत से अपील की है कि वह अपनी सेना को यहां से तुरंत हटाने का आदेश जारी करे। साथ ही कहा है कि भारत अपने फ्रंटलाइन ट्रूप्स को नियंत्रण में रखे। चीन ने इसके साथ ही भारत को नसीहत दी है कि वह उन समझौतों का पालन करे जिन पर शांति और स्थिरता की रजामंदी बनी थी। चुशुल सेक्टर में पैंगोंग त्सो और स्पांग्गुरर गैप के बीच इस समय तनाव की स्थिति है। यहां पर बताया जा रहा है कि पीएलए के जवानों की भारतीय जवानों के साथ हिंसा हुई है। यह जगह 15,000 फीट पर है।