भारत में कोविशील्ड से रक्त का थक्का जमने के बेहद कम मामले, कोवैक्सीन का एक भी मामला नहीं- एईएफआई
टीकाकरण के बाद गंभीर प्रतिकूल घटनाओं पर राष्ट्रीय समिति (AEFI) को भारत में कोविशील्ड वैक्सीन लगने के बाद रक्त का थक्का जमने से जुड़े कुछ मामले मिले हैं।
नई दिल्ली, 17 मई। टीकाकरण के बाद गंभीर प्रतिकूल घटनाओं पर राष्ट्रीय समिति (AEFI) को भारत में कोविशील्ड वैक्सीन लगने के बाद रक्त का थक्का जमने से जुड़े कुछ मामले मिले हैं। एईएफआई के सूत्रों ने कहा कि कोविशील्ड की प्रति 10 लाख खुराक में से केवल 0.61 मामलों में रक्त का थक्का जमने की खबर सामने आई है और इनमें से रक्त का थक्का जमने के ज्यादातर मामले वैक्सीन लगने के बाद पहले एक सप्ताह तक देखे गए। सरकारी गतिविधियों से अवगत एक स्रोत ने कहा कि, 'ब्रिटेन में पाए गए रक्त का थक्का जमने के मामलों की तुलना में यह संख्या बेहद कम है। टीकाकरण संक्रमण के खतरे को कम करता है।'
टीकाकरण के बाद गंभीर प्रतिकूल घटनाओं पर राष्ट्रीय समिति के एक स्रोत ने कहा कि सरकारी पैनल द्वारा विश्लेषित किए गए डेटा से यह पता चलता है कि पश्चिमी देशों के लोगों की की तुलना में दक्षिण एशियाई लोगों में टीकाकरण के बाद रक्त का थक्का जमने की प्रवृत्ति आनुवांशिक रूप से कम हो सकती है।
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कोवैक्सीन से थक्का जमने का कोई मामला नहीं
उन्होंने आगे कहा कि भारत में अभी तक कोवैक्सीन से रक्त का थक्का जमने का कोई मामला सामने नहीं आया है। अगर अगले 28 दिन में इस तरह के मामले सामने आते हैं तो सरकार एडवाइजरी जारी कर सकती है।
रक्त का थक्का जमने के लक्षण
उन्होंने आगे कहा कि लोगों को अगर वैक्सीन लेने के बाद यदि सिर दर्द, उल्टी, पेट में दर्द या सांस लेने में दिक्कत होती है तो यह रक्त का थक्का जमने के लक्षण हो सकते हैं।
आज तक, भारत ने टीकाकरण के बाद 700 से अधिक प्रतिकूल घटनाओं की समीक्षा की है। 31 मार्च को हुई एक मीटिंग में AEFI ने बताया कि टीकाकरण के बाद 617 गंभीर (मृत्यु सहित) प्रतिकूल घटनाएं हुई हैं। 29 मार्च तक, देश भर में टीकाकरण के बाद कुल 180 मौतों (29.2%) की सूचना मिली है।