उत्तराखंड निकाय चुनाव: 2019 से पहले निर्दलियों ने उड़ाई भाजपा-कांग्रेस की नींद
देहरादून। उत्तराखंड में 84 नगर निकायों के नतीजों में भाजपा सबसे आगे रही है तो वहीं निर्दलियों ने तगड़ा प्रदर्शन किया है। 84 शहरी निकायों में से 83 के परिणाम सामने आ चुके हैं। इन 83 मेयर और चेयरमैन के पदों में से 34 पर भाजपा, 26 पर कांग्रेस और 23 पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने विजय दर्ज की है। एक सीट पर बसपा ने जीत दर्ज की है। वार्ड चुनाव में निर्दलीयों नेआधे से ज्यादा सीटें जीती हैं। निकाय चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों कांग्रेस और भाजपा दोनों के नींद उड़ाने का काम किया है।
वार्ड पर निर्दलीय भारी
वार्ड की बात करें तो निर्दलीयों ने भाजपा और कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया है। 1064 वार्ड में से 546 पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। भाजपा ने 303, कांग्रेस ने 165 सीटें जीती हैं। बसपा ने तीन, सपा ने एक, यूकेडी ने एक और आप ने दो सीटों पर जीत हासिल की है।
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सात में से पांच मेयर पद भाजपा के पास
प्रदेश के सात नगर निगमों के मेयर पदों में से पांच पर भाजपा ने कब्जा किया जबकि दो पर बाजी कांग्रेस के हाथ लगी है। ऋषिकेश, काशीपुर, रूद्रपुर और हल्द्वान नगर निगमों में भाजपा के मेयर चुने गए हैं। कोटद्वार और हरिद्वार में कांग्रेस के मेयर बने हैं। देहरादून नगर निगम के मेयर पद पर भाजपा के सुनील उनियाल गामा ने कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल को 35,000 से ज्यादा मतों से पराजित किया।
हुआ था 69.79 फीसदी मतदान
प्रदेश में सात नगर निगमों, 39 नगर पालिकाओं तथा 38 नगर पंचायतों सहित 84 नगर निकायों के लिये 18 नवंबर को मतदान हुआ था। प्रदेश में 69.79 प्रतिशत मतदान हुआ था। मंगलवार सुबह आठ बजे से वोटों की गिनती शुरू हुई। इस बार उत्तराखंड में मतपत्रों से चुनाव हुए हैं। 2013 के चुनाव में चार नगर निगमों में ईवीएम का इस्तेमाल किया गया था।