ऑनलाइन टेररिज्म पर अब अमेरिका, भारत को मुहैया कराएगा अहम सुबूत
आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए फिर साथ आए भारत-अमेरिका। एफबीआई के डिप्टी डायरेक्टर एंड्रयू जी मैकबे ने कहा कि ऑनलाइन आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए भारत के साथ शेयर किया जाएगा डाटा।
नई दिल्ली। अमेरिका और भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक दूसरे का समर्थन करेंगे। अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने भारत को भरोसा दिलाया है कि वह सोशल मीडिया के इनक्रिप्टेड डाटा को भारत के साथ साझा करेगा।
अमेरिका नहीं कर रहा था मदद
भारत ने अमेरिका से शिकायत की थी कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसकी पर्याप्त मदद नहीं कर रहा है। भारत ने कहा था जहां पर उसे डिजिटल सुबूतों की जरूरत होती है, अमेरिका की ओर से उसे ज्यादा समर्थन नहीं मिलता है। अब अमेरिका ने भारत की इस शिकायत पर गौर किया है और कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आतंकवाद से जुड़े हर इनक्रिप्टेड डाटा को वह भारत के साथ साझा करेगा। ऑनलाइन टेररिज्म के कई केस ऐसे हैं जहां पर पूरे सुबूत नहीं मिल पाते हैं। भारत लगातार इस बात को कहता आया है कि इन केसेज को तभी सुलझाया जा सकता है जब अमेरिका जैसे देश उसकी मदद करेंगे। कई ऐसे केस सुबूतों की कमी में अनसुलझे रह जाते हैं। आज जब आईएसआईएस जैसे संगठन ताकतवर हो चुके हैं तो डिजिटल सुबूत काफी अहम हो जाते हैं।
एनआईए और एफबीआई की मीटिंग
भारत को यह भरोसा अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के डिप्टी डायरेक्टर एंड्रयू जी मैकबे ने एनआईए को एक मीटिंग में यह भरोसा दिया है। एनआईए ने साफ कर दिया कि भारत को इस तरह के केस सुलझाने में एफबीआई की मदद की जरूरत पड़ेगी। एनआईए का कहना है कि इस तरह के केस में अहम डाटा सिर्फ अमेरिका की ओर से ही मुहैया कराया जा सकता है। एनआईए ने कहा है कि आईएसआईएस से जुड़ी चैट्स, ई-मेल और ऑनलाइन बातचीत को कोड किया जाना काफी अहम है। अगर अमेरिका, भारत के साथ इस तरह के केस में मदद करता है तो फिर भारत को भी आसानी रहेगी। सिर्फ इतना ही नहीं भारत डिजिटल सुबूतों की मौजूदगी में आतंकियों को सजा भी दिला पाएगा।