संसद पहुंचा परमबीर सिंह की चिट्ठी का मामला, अनिल देशमुख पर आरोपों को लेकर लोकसभा-राज्यसभा में जोरदार हंगामा
नई दिल्ली। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की ओर से महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों को लेकर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि एक राज्य के गृहमंत्री पर हर महीने 100 करोड़ की वसूली के आरोप लगे हैं और एक सीनियर अफसर ने ये आरोप लगाए हैं। ऐसे में इस मुद्दे की अनदेखी नहीं की जा सकती है, ये बहुत गंभीर मामला है। वहीं शिवसेना ने इस मामले को उठाए जाने के बाद लोकसभा से वॉकआउट कर दिया।
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राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले को उठाया। जिसको लेकर काफी हंगामा और शोर शराबा हुआ। जिसके बाद उच्च सदन की कार्यवाही को स्थगित भी करना पड़ा। लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के सांसद राकेश सिंह ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, बहुत गंभीर आरोप अनिल देशमुख पर लगे हैं लेकिन इससे भी ज्यादा अजीब ये है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उनको बचा रहे हैं। राकेश सिंह ने कहा, ये शायद देश में पहली बार है कि कि एक मुख्यमंत्री अपने उस मंत्री के बचाव में प्रेस वार्ता कर रहे हैं, जिस पर पुलिस अफसर को 100 की उगाही करने को कहने का आरोप है। आखिर ये क्या हो रहा है?
महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि पूरी राज्य सरकार इसमें संदेह के घेरे में है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर किस आधार पर पुलिस अफसर सचिन वाजे, जो कि 16 साल तक निलंबित रहे और जेल जा चुके हैं, उनको नौकरी में बहाल किया गया? नवजीत राणा ने कहा कि पूर्व की बीजेपी सरकार के समय भी उद्धव ठाकरे ने खुद देवेंद्र फडणवीस को सचिन वेज को वापस बुलाने के लिए कहा था लेकिन फडणवीस ने मना कर दिया था। ठाकरे सरकार आए, तो उन्होंने वाजे को बहाल कर दिया।
क्या है मामला
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा है, राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख 100 करोड़ रुपए हर महीने पुलिस अफसर सचिन वाजे से मांग रहे थे। देशमुख ने सचिन वाजे को कहा था कि मुंबई में बार, रेस्टोरेंट, क्लब वगैरह से हर महीने 100 करोड़ वसूलकर दीजिए।
इस चिट्ठी को लेकर भाजपा महाराष्ट्र की सरकार पर हमलावर है और तुरंत ही देशमुख को मंत्रीपद से हटाने की मांग कर रही हैं। वहीं देशमुख की पार्टी एनसीपी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जांच के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा, सिर्फ आरोपों के आधार पर देशमुख नहीं हटेंगे। अनिल देशमुख ने इस मामले में कहा है कि उन पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं। देशमुख ने कहा है कि परमवीर सिंह खुद एंटेलिया और मनसुख हीरेन केस में फंस रहे हैं। ऐसे में खुद को बचाने के लिए मेरे ऊपर कीचड़ उछाल रहे हैं।
परमबीर सिंह का ट्रांसफर के बाद चिट्ठी लिखना अपने आप में सवाल खड़े करता है- एनसीपी नेता नवाब मलिक