बीते 2 दिनों में सेट हो गया 2019 का एजेंडा, पीएम मोदी और सोनिया ने जाहिर किए इरादे
नई दिल्ली। यूं तो अगले लोकसभा चुनाव 2019 में होने हैं। लोगों का मानना है कि अभी तो आम चुनाव में काफी समय है, लेकिन आम बजट 2018 पेश किए जाने के साथ ही 2019 काउंटडाउन शुरू हो चुका है। बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में तो गुरुवार को सोनिया गांधी ने कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में बता दिया कि 2019 के लिए उनकी रणनीति आखिर क्या होगी? सबसे पहले बात करते हैं सोनिया गांधी के गुरुवार को दिए बयान की और उसके बाद करते हैं पीएम नरेंद्र मोदी की बातों का पूरा विश्लेषण। दोनों के बयानों ने 2019 का एजेंडा बिल्कुल सैट कर दिया है।
सोनिया
गांधी
की
स्पष्ट
राय-
गठबंधन
की
राह
पर
आगे
बढ़े
कांग्रेस
2014
लोकसभा
चुनाव
हारने
के
बाद
कांग्रेस
ने
बीजेपी
के
हाथों
एक
के
बाद
एक
चुनाव
हारे।
मोदी-शाह
की
जोड़ी
की
चुनावी
रणनीति
के
सामने
कांग्रेस
का
सिर्फ
और
सिर्फ
एक
पत्ता
तुरुप
का
इक्का
साबित
हुआ
और
वो
रहा
बिहार
विधानसभा
चुनाव
में
कांग्रेस-जेडीयू-आरजेडी
का
महागठबंधन।
यही
एक
ऐसा
फार्मूला
है,
जिसके
सहारे
कांग्रेस
की
नैया
पार
लग
सकती
है।
गुरुवार
को
कांग्रेस
संसदीय
दल
की
बैठक
में
सोनिया
गांधी
ने
स्पष्ट
तौर
से
समान
विचार
वाले
दलों
से
गठबंधन
की
अपील
कर
डाली।
मतलब साफ है सोनिया गांधी बीजेपी विरोधी सभी दलों को एक छत के नीचे लाना चाहती हैं और इसके लिए भरपूर प्रयास भी शुरू हो चुके हैं। वैसे भी बीजेपी को लगातार मिल रही सफलता से खुद उसी के सहयोगी घबराए हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए राष्ट्रव्यापी गठबंधन बनाना उतना भी कठिन नहीं है। इसी ताकत के सहारे कांग्रेस मोदी-शाह को 2019 में चुनौती पेश करेगी।
संसद
में
पीएम
मोदी
ने
बताई
बीजेपी
की
रणनीति
पहले
लोकसभा
और
उसके
बाद
राज्यसभा
में
पीएम
नरेंद्र
मोदी
ने
कांग्रेस
पर
जमकर
हमला
बोला।
अपने
भाषण
में
पीएम
ने
जवाहर
लाल
नेहरू
से
लेकर
राजीव
तक
और
सरदार
पटेल
से
कश्मीर
तक
हर
उस
मुद्दे
का
जिक्र
किया
जो
कांग्रेस
की
विफलताओं
की
सूची
में
सबसे
ऊपर
है।
पीएम
मोदी
ने
जिस
प्रकार
से
अपने
भाषण
के
दौरान
बीते
10
साल
में
हुए
हर
घोटाले
का
क्रेडिट
कांग्रेस
को
दिया,
उससे
साफ
है
कि
पीएम
मोदी
और
अमित
शाह
2019
का
चुनाव
भी
कांग्रेस
की
असफलताओं
को
भुनाकर
जीतना
चाहते
हैं।
पीएम
मोदी
से
पहले
अमित
शाह
ने
भी
राज्यसभा
में
अपने
पहले
भाषण
में
कहा
कि
इतना
समय
तो
कांग्रेस
के
गड्ढे
भरने
में
ही
निकल
गया।
मतलब
साफ
है
कि
2019
में
बीजेपी
खुद
की
सफलता
से
ज्यादा
कांग्रेस
की
असफलता
पीएम
मोदी
और
अमित
शाह
का
चुनावी
एजेंडा
होगा।