28 लोगों को ठग कर पाई विश्वविद्यालय में नौकरी, STF ने किया खुलासा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट अधिकारी पद के लिए भर्ती के दौरान एक आवेदक ने सभी को ठगने की कोशिश की, लेकिन धरा गया।
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से जुड़े एक मामले का भंडाफोड़ किया है। बता दें कि बीते दिनों एक मामला सामने आया था जिसमें विश्वविद्यालय ने कुछ पदों के लिए साक्षात्कार आयोजित किया था लेकिन आवेदकों में से एक राम प्रकाश ने अन्य आवेदकों को इस आशय का ई-मेल भेज दिया था कि इंटरव्यू की तारीख आगे बढ़ गई है।
जिसके बाद कोई साक्षात्कार देने के लिए राम प्रकाश के अलावा और कोई नहीं आया। जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को इस मामले में शक पैदा हुआ और इसकी जांच बैठाई गई।
यूपी एसटीएफ के अधिकारियों ने जांच के दौरान पाया कि किसी अज्ञात शख्स ने भर्ती प्रक्रिया को सही से नहीं चलने देना चाह रहा था। जाचं में पाया गया कि अज्ञात शख्स ने सभी 28 आवेदकों को साक्षात्कार टल जाने का ईमेल किया था।
जिसके बाद सिंह निर्विरोध रूप से विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट अधिकारी के पद हेतु चुन लिए गए थे। इसके बाद जांच में सिंह को आरोपी पाया गया। एसटीएफ को पता चला कि जिस अज्ञात शख्स ने आवेदकों को ई-मेल किया था वो कोई और नहीं खुद राम प्रकाश सिंह ही थे।
राम प्रकाश ने [email protected] से सभी 28 आवदेकों को ईमेल किया। मामले पर एडिशनल एसपी एसटीएफ, त्रिवेणी सिंह ने कहा कि सभी आवेदकों में से एक राम प्रकाश सिंह, निवासी जीटीबी नगर करेली, ने रजिस्ट्रार की आईडी बनाकर सभी को मेल किया।
मामला तब सामने आया जब आवेदकों में से एक ने फैकल्टी रिक्रूटमेंट सेल के प्रोफेसर अनुपम दिक्षित को फोन कर 24 मार्च को मिले साक्षात्कार के ई-मेल के बारे में पूछा। दिक्षित ने तुरंत सभी आवेदकों को सूचित किया कि साक्षात्कार अपने तय समय पर होगा। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने एसटीएफ में प्राथमिकी दर्ज कराई।