यूपी सरकार का बड़ा फैसला, कोरोना मरीजों को मिली होम आइसोलेशन की इजाजत, लेकिन माननी होंगी ये शर्तें
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। पिछले कुछ दिनों में प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है। लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या को देखते हुए यूपी सरकार ने बिना लक्षणों वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की मंजूरी दे दी है। मरीज कुछ शर्तों के साथ होम आइसोलेशन में रह पाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना मरीजों के होम आइसोलेशन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। होम आइसोलेशन की शर्तें बहुत ही सख्त होंगी, क्योंकि घर पर अगर कोरोना पॉजिटिव रह रहा है तो उसे इस तरह से रखा जाए की उसके संपर्क में कोई व्यक्ति न आए।
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कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेशन की अनुमति
सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक, रोगी और उसके परिवार को होम आइसोलेशन के प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि माइल्ड लक्षण वालों को होम आइसोलेशन में रखा जाएगा। अभी तक उत्तर प्रदेश में कोरोना के अधिकांश संक्रमित माइल्ड लक्षण वाले ही हैं। इसके साथ ही संदिग्धों तथा बिना लक्षण वालों को भी होम आइसोलेशन की अनुमति दी गई है। संक्रमितों तथा संदिग्धों को होम आइसोलेट करने के बारे में सरकार की दलील है कि बहुत से लोग बीमारी को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोग अस्पताल में रहना नहीं चाहते। इस तरह से लोगों ने अन्य लोगों को संक्रमण बढऩे का खतरा है। अब ऐसे लोगों को शर्तों के साथ होम आइसोलेट किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है बड़ी संख्या में कोविड-19 लक्षण रहित संक्रमित लोग बीमारी को छिपा रहे हैं। इससे संक्रमण बढ़ सकता है। अब राज्य सरकार एक निर्धारित प्रोटोकाल के अधीन शर्तों के साथ होम आइसोलेशन की अनुमति देगी। ऐसे में संक्रमित और उसके परिवार को होम आइसोलेशन के प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा।
कोरोना मरीज घर पर ही इलाज करवा पाएंगे
मुख्यमंत्री ने मास्क के अनिवार्य रूप से उपयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराए जाने के निर्देश भी दिए। योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'बेहतर इम्युनिटी कोविड-19 से बचाव के लिए जरूरी है। लोगों को ‘आरोग्य सेतु' ऐप तथा ‘आयुष कवच-कोविड' ऐप को डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री योगी सरकारी आवास पर बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'होम आइसोलेशन की व्यवस्था को लागू करने के साथ-साथ लोगों को कोविड-19 से बचाव के बारे में सतत जागरूक किया जाए।
माननी होंगी ये शर्तें
- अगर कोई शख्स कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसे अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं होगी।
- घर पर ही इलाज किया जा सकता है. मरीज को दवाईयां दी जाएंगी, जो चिकित्सकों के अनुसार खानी होंगी।
- अगर कोई कोरोना का गंभीर मरीज है तो उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा।
- होम आइसोलेशन के लिए उन्हीं संक्रमितों को होगी, जिनमें हलके लक्षण हैं या लक्षण हैं ही नहीं।
- प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. संक्रमित मरीज को अलग कमरे में रहना होगा।
- परिवार से अलग नहाने और फ्रेश होने का इंतज़ाम करना होगा, तभी ये अनुमति मिलेगी।
- परिवार को भी सावधानी बरतने के निर्देश दिए जाएंगे।
- समय-समय चिकित्सकों की टीम हाल-चाल लेगी।
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