Pollution: लखनऊ में कृत्रिम बारिश की तैयारी, योगी सरकार ने बनाया मेगाप्लान
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लखनऊ। अभी दिल्लीवासी ही प्रदूषण की मार झेल रहे थे कि बुधवार को आई एक खबर ने सबको चौंका दिया और वो खबर थी मंगलवार को लखनऊ की हवा देश में सबसे जहरीली थी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक मंगलवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 484 पॉइंट रहा। यह देश में सबसे ज्यादा था। जिसके बाद अब यूपी सरकार जागी है और वो अब लखनऊ में अब कृत्रिम बारिश करवाने की तैयारी कर रही है। खबर है कि यूपी सरकार इसके लिए आईआईटी कानपुर की मदद लेगी। यह फैसला बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए आयोजित बैठक में लिया गया। इस दौरान सीएम ने कैसरबाग बस अड्डे से अतिक्रमण हटाने के आदेश भी दिए। माना जा रहा है कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए जरूरत पड़ने पर पुराने वाहनों को भी बंद किया जा सकता है।
क्या है कृत्रिम बारिश
कृत्रिम बारिश या मेघ बीजन या क्लाउड सीडिंग मौसम में बदलाव लाने की ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बादलों से इच्छानुसार वर्षा कराई जा सकती है। इसमें हवा में कुछ ऐसे तत्व छोड़े जाते हैं जो बादलों में जाकर उसकी माइक्रोफिजिकल प्रक्रिया में परिवर्तन करता है। आमतौर पर क्लाउड सीडिंग प्रक्रिया में सिल्वर आयोडाइड और ड्राई आइस जैसे तत्व इस्तेमाल किए जाते हैं। सीडिंग के लिए जरूरी है कि बादलों में जीरो डिग्री से कम का जल तरल अवस्था में मौजूद हो। सिल्वर आयोडाइड जैसे तत्व जो बर्फ जैसा होता है, जमे हुए न्यूक्लिएशन को पिघालता है। ड्राई आइस हवा को इतना ठंडा कर देती है वाष्प क्रिया से बर्फ स्वत: बदल देता है।
कृत्रिम बारिश को क्लाउड सीड
मेघ बीजन हम ड्रोन तकनीक के माध्यम से कर सकते हैं | यह ड्रोन किसी भी इलाके के उपर सिल्वर आयोडाइड की मदद से आसमान में बर्फ के क्रिस्टल बनाता है जिससे कृत्रिम बारिश होती है | मेघ बीजन का उपयोग केवल वर्षा कराने के लिए ही नहीं किया जाता है, बल्कि इसका प्रयोग ओलावृष्टि रोकने और धुंध हटाने में भी किया जाता है।
कैसे करते हैं कृत्रिम वर्षा
मेघ बीजन से वाष्पीकरण शीघ्रता से वर्षा की बड़ी-बड़ी बूंदों में परिवर्तित हो जाते हैं और बरस पड़ते हैं। इसके लिए बादलों में बीजकारक पदार्थों को बिखेरा और छिड़का जाता है। बीजकारक पदार्थ के रूप में प्रायः सूखी बर्फ (ठोस कार्बन डाइऑक्साइड) सिल्वर अयोडाइड और अमोनियम नाइट्रेट और यूरिया से मुक्त द्रावक प्रयोग में लाए जाते हैं।
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