उन्नाव रेप कांड: दिल्ली हाईकोर्ट से दरोगा कामता प्रसाद सिंह को बड़ी राहत, मिली अंतरिम जमानत
इस मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहे पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने बेटी की शादी को लेकर अंतरिम जमानत के लिए दिल्ली HC का रुख किया था। लेकिन कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी।
Unnao rape case: दिल्ली उच्च न्यायालय ने जांच अधिकारी (आईओ) कामता प्रसाद सिंह को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में कामता प्रसाद सिंह को चिकित्सकीय आधार पर अंतरिम जमानत दे दी है।
इस मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने माखी थाने के तत्कालीन थानेदार अशोक सिंह भदौरिया और दरोगा कामता प्रसाद सिंह को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। दोनों पर पीड़िता के पिता को अवैध रूप से गिरफ्तार करने और हत्या की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया था। सीबीआई के आईजी जीएन गोस्वामी ने बताया कि अशोक सिंह भदौरिया और कामता प्रताप सिंह को आईपीसी की धारा 120बी, 193, 201, 218 और 3/25 शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
इन दोनों को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बाद गिरफ्तार किया था। वहीं, इससे पहले आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी को लेकर हाईकोर्ट ने सीबीआई पर सवाल खड़े किए थे। सीबीआई ने दोनों की गिरफ्तारी की जानकारी उन्नाव जिले के आला अधिकारियों को भी नहीं दी थी।
इस मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहे पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने बेटी की शादी को लेकर अंतरिम जमानत के लिए दिल्ली HC का रुख किया था। लेकिन कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी। कुलदीप सिंह सेंगर ने अपनी बेटी की शादी के लिए अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की पीठ के समक्ष रखी थी। हालांकि जस्टिस तलवंत सिंह ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।
यह भी पढ़ें - दिल्ली: 5 साल की बच्ची के साथ रेप, प्राइवेट पार्ट से हो रही थी ब्लीडिंग, अब DCW ने पुलिस को भेजा नोटिस