अनलॉक -2: कोरोना के खिलाफ लड़ाई लंबी है, भारत शीघ्रता से जीत सकता है यह जंग अगर...
नई दिल्ली। वर्तमान समय में भारत में रोज प्रति 24 घंटे में तकरीबन 20,000 कोरोनावयारस संक्रमितों के नए मामले सामने आ रहे हैं और रोजाना 300 से 400 लोगों की मौत हो रही है, जिसका सीधा अर्थ है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई शीघ्रता के साथ गंभीरता से लड़नी जरूरी है, लेकिन इसमें सरकार के साथ-साथ लोगों की भागीदारी और हिस्सेदारी भी उतनी ही जरूरी है।
बीते सोमवार को भारत सरकार ने कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए अनलॉक-2 के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें सहूलियत और छूट को और व्यापक किया गया है। चूंकि अभी संक्रमण खतरा घटने के बजाय लगातार बढ़ रहा है, इसलिए जरूरी है कि प्रतिबंधों में मिली छूट का इस्तेमाल कंस्ट्रक्टिव होना चाहिए और लोगों की भागीदारी से होगा, ताकि खुद के साथ ही साथ आप दूसरों में संक्रमण फैलने से रोक सकें।
Recommended Video
कोरोना संकटः जानिए,लड़ने के लिए कितना तैयार थे हम और 3 महीने बाद अब कितने तैयार हुए हैं आप?
गौरतलब है मई माह से भारत में कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों की बाढ़ आनी शुरू हुई और यह संक्रमितों की यह बाढ़ कल विभीषिका बन जाए, इससे पहले संभलकर चलना जरूरी है। देश के लिए सुखद बात यह है कि भारत में अभी रिकवरी दर 58.67 है, जिसमें लगातार सुधार हो रहा है।
चीन में तैयार हुई कोरोना वैक्सीन, फिलहाल सिर्फ चीनी सेना ही इस्तेमाल कर पाएगी
हालांकि भारत में मामलों में वृद्धि के लिए एक कारण टेस्टिंग में वृद्धि भी है। इसके अलावा भारत में अभी कांटैक्ट ट्रेसिंग के जरिए संक्रमितों की पड़ताल में तेजी हुई है, जिससे समय रहते मरीजों को इलाज मिल पा रहा है और मरीज तेजी से स्वस्थ होकर घर पहुंच रहे हैं, लेकिन देश में लापरवाहों और अपनी जिम्मेदारियों के प्रति बेपरवाहों का एक बड़ा वर्ग है, जो उनके साथ-साथ दूसरों की जिंदगी के लिए खतरा बने हुए हैं।
तो आइए जानते हैं कि कैसे महामारी के खिलाफ लड़ाई में आमजन अपनी भागीदारी और सहयोग देकर यह जंग जीतने में पूरे देश की मदद कर सकते हैं, क्योंकि महामारी के खिलाफ लड़ाई में अभी सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती है और स्थिति विकट हो जाए, इससे पहले अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए इस लड़ाई में सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए एक और एक ग्यारह बनकर महामारी के खिलाफ इस मुहिम में कूदना जरूरी हो गया है।मेक इन इंडिया की
ऊंची उड़ान, हर महीने 50 लाख यूनिट पीपीई किट निर्यात में सक्षम हुआ भारत
वैक्सीन बाजार में उपलब्ध होने में करीब 6-7 महीने लग जाएंगे
दुनिया भर के वैज्ञानिक और शोधकर्ता पिछले कई महीनों से कोरोनावायरस का एंटी डोज बनाने में जुटे हुए हैं, लेकिन अभी तक उसमें सफलता नहीं मिली है। कुछ शोधार्थी वैज्ञानिक मानव पर परीक्षण के स्टेज पर पहुंच चुके हैं, लेकिन सब कुछ ठीक भी रहा, वैक्सीन बाजार में उपलब्ध होने में करीब 6-7 महीने लग जाएंगे। यानी कि वैक्सीन विकसित होने पर भी उसके उपयोग में आने तक दिसंबर, 2020 तक इंतजार करना होगा और तब तक महामारी से बचने के लिए सुझाए गए सुरक्षा उपायों के अनुपालन से ही अपने साथ-साथ दूसरों की जिंदगी बचाए रखनी होगी, फिर चाहे वह आपके परिवार के सदस्य हों अथवा आम नागरिक।
घर से तभी बाहर निकलें जब ज्यादा जरूरी हो, गैर-जरूरी यात्रा भी टालें
हिंदुस्तान में कोरोनावायरस का खतरा कम नहीं, बल्कि लगातार बढ़ता जा रहा है। यह टेस्टिंग में और कांटैक्ट ट्रेंसिंग की बढ़ती दरों से भी मुमकिन है, लेकिन मामले है, इसलिए बढ़ रहे हैं, टेस्टिंग और कांटैक्ट ट्रेंसिंग की अनुपस्थिति में ऐसे लोग पकड़ से बाहर थे। चूंकि टेस्टिंग में वृद्धि से अब हर कोई पकड़ में आ रहा है। अब वो भी पकड़ में आ रहे हैं, जो संक्रमित होते हुए भी अनिभज्ञ बने हुए थे और लोगों में अनजाने ही सही वायरस फैला रहे थे। इसलिए जरूरी है कि जब ज्यादा जरूरी हो, तभी घर से बाहर निकले, क्योंकि बाहर निकलते ही बिना लक्षणों संक्रमित व्यक्ति आपमें कोरोना ट्रांसफर कर सकता है। गैर-जरूरी यात्रा भी टालें, कोशिश कीजिए की यात्रा बिल्कुल न करें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि के लिए योग और आरोग्य सहायकों की शरण लें
अगर आप दिल्ली जैसे मेट्रोपोलिटन सिटी में रहते हैं तो वायु प्रदूषण से शरीर का रोग प्रतिरोधक सिस्टम (इम्यून सिस्टम) पहले से बिगड़ा हुआ रहता है। हालांकि कमोबेश सभी मेट्रोपोलिटिन सिटीज का यही हाल है, इसलिए योग और आरोग्य की शऱण में जाना बेहद जरूरी है। इसकी मदद से शरीर को कोरोनावायरस के हमले से बेहद आसानी से बचाया जा सकता है। यह सर्वमान्य सच है कि प्रदूषित वायु और वातावरण शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली को कमजोर कर देता है।
कोरोनावायरस के जोखिम को लेकर लगातार गंभीरता बरतना जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए सबसे ज़रूरी क़दमों में से एक गंभीरता को मानते हैं। आप और आपके आसपास लोग तभी संक्रमण से दूर रहेंगे, जो आप महामारी के जोखिम को लेकर गंभीरता दिखाएंगे। सरकार कोरोना संक्रमण में वृद्धि के साथ बड़े पैमाने पर टेस्टिंग शुरू कर दी है और कम्युनिटी ट्रांसमिशन से बचने के लिए संक्रमित लोगो को अलग कर रही है, लेकिन आपकी जिम्मेवारी है कि सोशल डिस्टैंसिंग यानी भीड़-भाड़ में जाने से बचें और मास्क जैसे सुरक्षा उपायों को ईमानदारी से पालन करें।
इटली, स्पेन व ब्रिटेन को लापरवाही से लगा कोरानावायरस से बड़ा आघात
यूरोपीय देश इटली, स्पेन और ब्रिटेन के लोगों को उनकी लापरवाही के कारण कोरानावायरस से बड़ा आघात पहुंच चुका है, लेकिन शुरूआती लॉकडाउन में सुरक्षित रहकर अब वही गलती हिंदुस्तान में दोहराया जा रहा है। लोगों कोरोनावायरस को हिंदुस्तान में भी हल्के में भी लेने लगे हैं। फिलहाल गलती सुधार कर अब पश्चिमी देशों में सभी ऐहतियाती क़दम उठाए जाने लगे हैं और वहां जोखिम का दर कम हो गया है, लेकिन हम अगर अभी हरकत में नहीं आए तो हमारी उसने भी बड़ी दुर्गति होने वाली है, क्योंकि हिंदुस्तान की स्वास्थ्य सेवाएं एक बड़ी आबादी को संभाल नहीं पाएंगी।
भारत में टेस्टिंग सुलभ और सस्ती हुईं, संदिग्धता में जांच के लिए आगे बढ़ें
हिंदुस्तान में मौजूदा समय में कोरोनावायरस की टेस्टिंग तेज हो गई और प्रति दिन एक लाख से अधिक लोगों की टेस्टिंग की जा रही है। ऐसे में किसी भी संदिग्ध स्थिति में लोगों को टेस्टिंग के लिए आगे बढ़ना चाहिए, क्योंकि अभी हिंदुस्तान में 1036 लैब संचालित हैं, जहां जाकर टेस्टिंग आसानी से कराई जा सकती है, जिससे आप खुद के साथ ही साथ परिवार और समाज को आसानी से कोरोना के जोखिम से सुरक्षित रखा जा सकता है। दक्षिण कोरिया का उदाहरण हमारे सामने हैं, जहां सरकार ने टेस्टिंग सुविधा बढ़ाई और वहां के लोगों ने उसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और वर्तमान में दक्षिण कोरिया कोरोनावायरस के खतरे से लगभग बाहर है।
कांटैक्ट ट्रेसिंग और कम्युनिटी ट्रांसमिशन रोकने में भी योगदान जरूरी
कहते हैं एक और एक ग्यारह भी होते है। इसलिए जरूरी है कि अगर आपके संपर्क में आने वाला कोई व्यक्ति संदिग्ध लगता है, तो उसके बारें स्थानीय प्रशासन को जरूर सूचित करें। इससे प्रशासन और सरकारें उसकी पहचान आसानी से कर सकेंगे और कांटैक्ट ट्रैंसिंग के जरिए उसके संपर्क में आए लोगों का भी नमूना लेकर कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोकने में कामयाब हो सकते हैं।
मौजूदा समय में लोगों में कोरोनावायरस के लक्षण दिख रहे हैं
मौजूदा समय में यह जरूरी नहीं कि जो आपसे मिल रहा है, उसमें कोरोनावायरस के लक्षण दिख रहे हैं, जिससे कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। आपके एक कदम से सैंकड़ों लोग संक्रमण से बचाए जा सकते हैं। सिंगापुर में संक्रमितों को पकड़ने के लिए जासूसों को लगा दिया और उन्होंने 6000 सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से संक्रमित और उसके कांटैक्ट ट्रेस का दबोच लिया।
स्वतंत्रता और अधिकार के साथ लड़ाई में जन भागीदारी भी जरूरी है
कहते हैं अधिकार के साथ जिम्मेदारी भी जुड़ी होती है। इसलिए यह सभी की जिम्मेदारी है कि इमरजेंसी की स्थिति में देश के काम आए और अपनी स्वतंत्रता और उसके साथ मिली जिम्मेदारी को भी अमलीजामा पहनाएं। हिंदुस्तान में यह परिपाटी नहीं है, लोगों को स्वतंत्रता और अधिकार चाहिए, लेकिन जिम्मेदारी के नाम पर चुप हो जाते हैं। सिंगापुर में जिन लोगों को घर पर रहने के लिए कहा गया और अगर आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती से पेश आया जाता है। जुर्माना और जेल की सज़ा भी दी जाती है। एक शख्स से तो सिंगापुर में रहने का अधिकार तक छीन लिया गया।
जन सहयोग के बिना सारी नीतियां और क़दम बेकार हो जाते हैं
जन सहयोग के बिना सरकारें नहीं बन सकती हैं, इसलिए किसी भी लड़ाई में जीत के लिए जनता बेहद जरूरी है और जहां जन सहयोग नहीं मिलता, वहां सारी नीतियां और क़दम बेकार होते हैं। इसलिए सरकारों के साथ-साथ जनता को भी अपनी जिम्मेदारियों को निभाना जरूरी है। यह कदम सरकारों के लिए जरूरी है।
नीति बनाने से पहले जनता को उसका वैज्ञानिक आधार बताना चाहिए
क्योंकि ऐसे गाइडलाइन्स सिर्फ कागज के पुर्जों तक सीमित रह जाते हैं, जिनमें जनता का साथ न मिल सके। एक ओर जहां सरकार को नीति बनाने से पहले जनता को उसका वैज्ञानिक आधार बताना चाहिए और आमजन को भी उसकी गंभीरता को समझते हुए उस सकारात्मक सहयोग करना जरूरी है।
जापान ने वायरस से बचाव के लिए कदमों की तारीफ़ हो रही है
जापान ने वायरस से बचाव के लिए कदमों की तारीफ़ हो रही है, उसने तुरंत बड़े पैमाने पर टेस्टिंग की और अस्पतालों की क्षमता बढ़ाई और वहां की जनता पूरा सहयोग किया और बगैर पूर्ण लॉकडाउन के जापान ने कोरोना को धूल चटा दिया है।