Defence Budget 2020: पूर्व रक्षा मंत्री सीतारमण ने निराश किया विशेषज्ञों को, रक्षा बजट में हल्की बढ़ोतरी
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया। निर्मला सीतारमण जिनके पास सरकार के पहले कार्यकाल में रक्षा मंत्री का विभाग था, जब सदन में बजट भाषण पढ़ रही थीं तो रक्षा विशेषज्ञों की नजरें उन पर टिकी थीं। लेकिन उन्होंने इस बजट में रक्षा बजट का जिक्र तक ही नहीं किया और इसे नजरअंदाज कर गईं। बजट पेपर्स के मुताबिक इस बार देश के रक्षा बजट में छह प्रतिशत का इजाफा किया गया है।
सेना को मिला सबसे ज्यादा
पिछले वर्ष रक्षा बजट 3.18 लाख करोड़ था और इस बार रक्षा बजट करीब 3.37 लाख करोड़ है। अगर इसमें रक्षा पेंशन को भी जोड़ दिया जाए तो बजट करीब 4.7 लाख करोड़ हो जाएगा। बजट में 1,10,734 करोड़ रुपए सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए रखे गए हैं जिसमें नए हथियार सिस्टम को खरीदना शामिल है। पिछले बजट में यह रकम 10,340 करोड़ थी। रक्षा पेंशन की अगर बात करें तो पिछले वर्ष 1.17 लाख करोड़ तय किए गए थे। इस बार बजट में पेंशन के लिए 1.33 लाख करोड़ रुपए तय किए किए गहैं। डिफेंस पेंशन में किया गया इजाफा रक्षा से हुए राजस्व और पूंजी से भी ज्यादा है।
पांच वर्ष में पेंशन हो गई डबल
पिछले वर्ष रक्षा बजट ने काफी सुर्खियां बंटोरी थीं। यह बजट साल 1962 में चीन से हुई जंग के दौरान आए बजट के बाद पहला बजट था जिसमें सेनाओं को सबसे कम पूंजी दी गई थी। बजट में सेना को सबसे बड़ा हिस्सा मिला है। उसके बाद नेवी और फिर एयरफोर्स के लिए पूंजी निर्धारित की गई है। रकम का सबसे बड़ा हिस्सा पेंशन और सैलरी के लिए तय किया गया है। बिजनेस इंसाइडर की खबर के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में पेंशन करीब दोगुनी हो गई है। जहां पांच वर्ष पहले पेंशन का आंकड़ा 60,000 करोड़ था तो अब यह 1,33, 835 करोड़ पर पहुंच चुका है। इस आंकड़ें की वजह से भावी योजनाओं पर खासा असर पड़ रहा है।