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मध्‍य प्रदेश चुनाव: मायावती के खिलाफ ये 'ट्रंपकार्ड' इस्‍तेमाल करेगी बीजेपी

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भोपाल। मध्‍य प्रदेश में चल रहे चुनावी महासंग्राम के बीच बीजेपी के कार्यकर्ता महाकुंभ में मंगलवार को फायरब्रांड नेता उमा भारती की मौजूदगी ने सभी को हैरान कर दिया। खुद उमा भारती ने मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं यहां आने से पहले कन्‍फ्यूज थी। मैंने शिवराज जी से पूछा क्‍या मेरे आने से फायदा होगा?' मतलब उमा भारत को उम्‍मीद नहीं थी कि मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में उनकी भी भूमिका होगी, लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने उन्‍हें बुलाया। यूं तो शिवराज और उमा भारती के बीच रिश्‍ते उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं। शिवराज जब पहली बार सीएम बने तब तल्‍खी बहुत ज्‍यादा थी, लेकिन समय के साथ-साथ स्थिति अब सामान्‍य हो चली है। हालांकि, उमा भारती को बुलाने के पीछे वजह सिर्फ रिश्‍ते नहीं हैं बल्कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव को लेकर खास प्‍लान है।

बुंदेलखंड में बसपा-कांग्रेस की कड़ी चुनौती से निपटने के लिए उमा का सहारा

बुंदेलखंड में बसपा-कांग्रेस की कड़ी चुनौती से निपटने के लिए उमा का सहारा

बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह और शिवराज सिंह चौहान दोनों जानते हैं कि मध्‍य प्रदेश में उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बुंदेलखंड है। मायावती का यहां खासा प्रभाव है। सत्‍ता विरोधी लहर के चलते यहां कांग्रेस भी प्रभावी दिख रही है। ऐसे में बीजेपी उमा भारती को ट्रंप कार्ड के तौर पर इस्‍तेमाल कर सकती है। राजनीतिक गलियारों में तो चर्चा इस बात की भी है कि उमा भारती 2019 लोकसभा चुनाव मध्‍य प्रदेश से लड़ सकती हैं।

मध्‍य प्रदेश में उमा भारती साबित हो सकती हैं टर्निंग पॉइंट

मध्‍य प्रदेश में उमा भारती साबित हो सकती हैं टर्निंग पॉइंट

भोपाल में बीजेपी के कार्यकर्ता महाकुंभ में मंगलवार को उमा भारती का शामिल होना कोई सामान्‍य बात नहीं है। वह करीब 8 साल बाद मध्‍य प्रदेश में किसी बड़े कार्यक्रम में मंच पर बैठी नजर आईं। ऐसे में कयास लगना तो लाजिमी है। माना जा रहा है कि मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उमा भारती जल्‍द प्रचार करती दिख सकती हैं। खासतौर से बुंदेलखंड में, जहां उनका खासा प्रभाव है। मध्य प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के 6 जिलों में 32 विधानसभा सीटें आती हैं। यह क्षेत्र यूपी से जुड़ा हुआ है। यहां हिंदुत्‍व कार्ड बेहद अहम है। उमा भारती की बात करें तो बुंदेलखंड में हिंदू-ओबीसी वोटबैंक पर उनका खासा प्रभाव है। ब्राह्मणों पर पर उमा भारती की अच्‍छा असर है। ऐसे में बुंदेलखंड में कमजोर होती बीजेपी को नई ताकत मिल सकती है। इसके साथ ही बुंदेलखंड में पार्टी को एकजुट करने में भी उमा भारती कारगर साबित हो सकती हैं।

कांग्रेस-बसपा के अलग लड़ने की स्थिति में उमा भारती बदल सकती हैं नतीजे

कांग्रेस-बसपा के अलग लड़ने की स्थिति में उमा भारती बदल सकती हैं नतीजे

मायावती ने मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अलग लड़ने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस और बसपा के अलग-अलग लड़ने से बीजेपी को काफी राहत मिली है, क्‍योंकि दोनों एक-दूसरे के वोट बैंक में सेंध लगाएंगे। अगर ये दोनों दल साथ आते बुंदेलखंड में बीजेपी मुसीबत में पड़ जाती है, क्‍योंकि यहां बसपा का अच्‍छा प्रभाव है। अब कांग्रेस-बसपा के अलग लड़ने की स्थिति में उमा भारत हिंदुत्‍व के नाम पर बीजेपी के लिए वोट जुटा सकती हैं। मायावती पिछले कई विधानसभा चुनावों में 5 से 7 प्रतिशत प्राप्‍त करती रही हैं, लेकिन बुंदेलखंड में यह प्रतिशत बढ़ जाता है। मायावती अलग बुंदेलखंड की मांग की प्रखर समर्थक रही हैं। ऐसे में उनकी चुनौती से पार पाना शिवराज के लिए बेहद जरूरी भी है।

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English summary
Uma Bharti's entry in Madhya Pradesh Assembly Election 2018 will gamechanger for shivraj Singh Chouhan.
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