BJP को उद्धव ठाकरे की दो टूक, अगर सीएम पद दे सकते हैं तो मुझे करें कॉल
मुंबई: महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच 14 दिनों से सियासी घमासान चल रहा है। दोनों सहयोगी दल सीएम पद को लेकर अड़े हुए हैं। इसी बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को संदेश दिया है कि अगर वो उन्हें मुख्यमंत्री का पद देने को तैयार है, तो उन्हें कॉल करे वरना नहीं। उन्होंने गुरुवार को कहा कि उनका बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन उन्हें बीजेपी से लोकसभा चुनाव के दौरान सत्ता को लेकर किए समझौते का पालन करने की उम्मीद है।
बीजेपी को ठाकरे की दो टूक
उद्धव ठाकरे ने मुंबई में शिवसेना के विधायकों के साथ बातचीत में कहा कि मैं गठबंधन को नहीं तोड़ना चाहता हूं, लेकिन मैं चाहता हूं कि बीजेपी लोकसभा चुनाव के समय लिए गए फैसले को लागू करे। उन्होंने कहा कि वो बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत को तैयार थे, वो लोकसभा चुनाव के समय लिए गए फैसले पर सहमत होते। उन्होंने आगे कहा कि वो बीजेपी के साथ बातचीत को तैयार है, बशर्ते वे लोकसभा चुनाव के दौरान तय किए गए फैसले से सहमत हों।
समझौते पर सहमत होने पर करें कॉल
शिवसेना प्रमुख ने बैठक में आगे कहा कि अगर बीजेपी हमें 2.5 साल के लिए मुख्यमंत्री का पद देने का निर्णय लेते ही, तो वो मुझे कॉल कर सकती है, अन्यथा नहीं। हमारी पार्टी स्वाभिमान से निकली है। हम बीजेपी को किनारे नहीं करना चाहते हैं। सीएम का कथन बिल्कुल अनुचित था। अगर वो ये साबित करना चाहते हैं कि मैं झूठ बोल रहा था तो ये सही नहीं है। अगर बीजेपी अपने वादे को पूरा नहीं करना चाहती है, तो बातचीत का क्या मतलब? शिवसेना का कहनवा है लोकसभा चुनाव के दौरान जो समझौता हुआ था, उसके मुताबिक सीएम पोस्ट पर 2.5 साल की अविधि के लिए समझौता हुआ था।
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'उद्धव का फैसला मंजूर'
जिन शिवसेना के विधायकों ने बैठक में हिस्सा लिया, उन्होंने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे जो भी फैसला लेंगे वो हमें मंजूर होगा। हमें वर्तमान परिस्थिति में निर्णय लेने का अधिकार पार्टी प्रमुख पर छोड़ दिया है। विधायक अब्दुल सत्तार ने कहा जो भी फैसला वो लेंगे हम उसका समर्थन करेंगे। एक अन्य विधायक उदय सामंत ने कहा कि सभी विधायकों ने अंतिम निर्णय लेने के लिए पार्टी प्रमुख को फ्री हैंड दिया है।
महाराष्ट्र में क्या हैं सियासी समीकरण
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पिछले महीने संपन्न विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला।महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीट में से बीजेपी को सर्वाधिक 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत हासिल हुई है। चुनाव पूर्व गठबंधन कर चुनाव लड़ी बीजेपी और शिवसेना को कुल मिलाकर 161 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल नौ नवंबर को खत्म हो रहा है।
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