अमेरिकी रिपोर्ट में भारत-चीन के बीच युद्ध की आशंका जताई गई
यूएस की रिपोर्ट में भारत और चीन के बीच युद्ध की आशंका जताई गई, रिपोर्ट में दोनों देशों के बीच बढ़ रहे तनाव पर चताई गई चिंता
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लगभग दो महीने से चल रहा डोकलाम विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इस विवाद के कारण भारत और चीन में तो अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। लेकिन अब दुनियाभर के देशों ने भी इसपर चिंता जताना शुरू कर दिया है। अमेरिकी कांग्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में इस विवाद पर गहरी चिंता जताई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि डोकलाम विवाद की वजह से भारत और चीन के बीच निकट भविष्य में जंग होने की आशंकाओं को नकारा नहीं जा सकता।
सिर्फ भारत-चीन के विवाद के तौर पर नहीं देखें
रिपोर्ट में यह भी कहा गया की डोकलाम विवाद को सिर्फ भारत चीन विवाद के परिपेक्ष में नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि यह विवाद पूरे विश्व को किसी ना किसी रूप में प्रभावित कर सकता है। एक न्यूज एजेंसी के अनुसार अमेरिकी कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) जोकि एक स्वायत्त संस्था है, ने यह रिपोर्ट 'चीन-बॉर्डर टेंशन एट डोकलाम' नाम से जारी की है।
भारत के अमेरिका से रिश्ते बेहतर होंगे
इसमें
भारत
और
चीन
के
बीच
जंग
के
खतरे
की
संभावना
जताई
गई
है।
रिपोर्ट
में
जंग
की
वजह
से
भारत
और
अमेरिका
के
बीच
के
रिश्ते
बेहतर
होने
की
बात
भी
कही
गई
है।
मगर
जंग
होने
की
स्थिति
में
चीन
से
अमेरिका
के
रिश्तों
में
खटास
आने
की
बात
को
भी
स्वीकारा
गया
है।
इस
रिपोर्ट
में
डोकलाम
विवाद
के
कारण
भारत-चीन
रिश्तों
के
नए
दौर
के
शुरू
होने
की
बात
भी
कही
गई
है।
रिपोर्ट
के
अनुसार
भारत-चीन
के
बीच
का
विवाद
सिर्फ
हिमालय
पर्वत
से
जुड़ी
2,167
किमी
लंबी
सीमा
तक
ही
नहीं
सीमित
रहेगा
बल्कि
यह
पूरे
दक्षिण
एशिया
और
हिंद
महासागर
को
भी
भारी
नुकसान
पहुंचाएगा।
16 जून से चल रहा है विवाद
गौरतलब
है
कि
बीते
16
जून
से
चल
रहे
डोकलाम
विवाद
की
वजह
से
भारत
और
चीन
के
रिश्तों
में
खटास
आ
गई
है।
दरअसल
चीन
ने
सिक्किम
और
भूटान
से
जुड़े
हुए
डोकलाम
पठार
पर
एक
सड़क
निर्माण
का
कार्य
शुरू
किया
था
जिसपर
भारत
ने
अपनी
सेना
भेजकर
आपत्ति
जताई
थी।
भारत
के
अनुसार
वह
भूमि
भूटान
की
है
जिसपर
चीन
जबरन
कब्जा
करना
चाहता
है।
वहीं
चीन
की
मानें
तो
वह
डोकलाम
को
अपनी
जमीन
मानता
है
और
भारतीय
सेना
की
दखलंदाजी
की
वजह
से
वह
बौखला
गया
है।
चीन लगातार पेश कर रहा है दावा
चीन
का
कहना
है
कि
जब
तक
भारत
वहाँ
से
अपनी
सेना
को
वापस
नहीं
बुलाता
तब
तक
दोनों
देशों
के
बीच
इस
मामले
पर
कोई
भी
वार्ता
नहीं
की
जा
सकती।
दूसरी
तरफ
भारत
जानता
है
कि
डोकलाम
उसकी
खुद
की
जमीन
नहीं
है
लेकिन
वह
ऐसे
महत्वपूर्ण
स्थान
पर
चीन
के
सड़क
निर्माण
कार्य
की
वजह
से
अपने
उत्तर
पूर्वी
राज्यों
जोकि
डोकलाम
से
जुड़े
हुए
हैं
और
भूटान
की
सुरक्षा
के
लिए
खासा
चिंता
में
आ
गया
है।
देखते
देखते
यह
विवाद
अपने
तीसरे
महीने
में
आ
पहुंचा
है
लेकिन
स्थिति
सुधरने
का
नाम
नहीं
ले
रही
है।