आईआईटी बॉम्बे के दो छात्रों ने बनाया डिजिटल स्टेथस्कोप, कई बीमारियों में आएगा काम
मुंबई। आईआईटी बॉम्बे के दो छात्रों ने नया डिजिटल स्टेथस्कोप बनाया है, जो कई गंभीर बीमारियों में डॉक्टरों के लिए बेहद मददगार साबित हो सकता है। ये इनोवेशन करने वाले इंजीनियरिंग के छात्र आपस में अच्छे दोस्त भी हैं। इन दोनों छात्रों ने मेडिकल डिवाइस इनोवेशन कॉन्क्लेव-2015 में इसे पेश किया था। इन दोनों छात्रों ने अपनी रिसर्च में पाया कि जो स्टेथस्कोप आमतौर पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं, उनमें कई तरह की कमियां हैं। ऐसे में इसे बेहतर करने की जरूरत है।
दिल और फेफड़े की बीमारी में मिलेगी मदद
इन दोनों दोस्तों के इस इनोवेशन से फेफड़ों और दिल संबंधी बीमारियों के इलाज में मदद मिलेगी। डॉक्टर डॉ नंबिराज कोनार की मदद से आदर्श और तपस पांडे ने ये स्टेथस्कोप बनाया है। यह एक डिजिटल स्टेथस्कोप है, जो फेफड़ों की आवाज और दिल की धड़कन सुनने के साथ यह इसकी ऑडियो क्लिप भी बना लेता है।
स्काइप से भी होगा कनेक्ट
यह आधुनिक स्टेथस्कोप स्काइप से कनेक्ट हो सकता है और रिकॉर्ड किए गए ऑडियो को स्काइप के तरह भेज सकते हैं। ये गांवो के लिए विशेष मददगार साबित हो सकता है, एक आशा कार्यकर्ता भी ग्राणीण इलाकों से मरीज की आवाज और धड़कन रिकॉर्ड कर अपने डॉक्टर को भेज सकती है और डॉक्टर उसे दवा के बारे में बता सकता है।
एमईडीसी में मिला पहला पुरस्कार
इस स्टेथस्कोप की कीमत करीब 8000 रुपए है। इसकी आवाज साफ होती है, जिसे आसानी से सुना जा सकता है। इस इनोवेशन के लिए छात्रों को एमईडीसी में प्रथम पुरस्कार भी मिला था।
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