क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

राजस्थान की 25 लोक सभा सीटों पर अकेले मुस्लिम उम्मीदवार

पिछले 16 लोकसभा चुनावों में राजस्थान ने सिर्फ़ एक मुस्लिम कैंडिडेट को जिताकर संसद भेजा. यह ट्रैक रिकर्ड निराशाजनक है.

By प्रियंका दुबे
Google Oneindia News
चुरु से कांग्रेस प्रत्याशी रफ़ीक मंडेलिया
BBC
चुरु से कांग्रेस प्रत्याशी रफ़ीक मंडेलिया

इस आम चुनाव में थार रेगिस्तान के 'मुख्य-द्वार' के तौर पर पहचाने जाने वाले राजस्थान की चुरु ज़िले पर सबकी नज़र बनी हुई है.

चुरु लोकसभा सीट से खड़े कांग्रेस के उम्मीदवार रफ़ीक मंडेलिया न सिर्फ़ राजस्थान, बल्कि उत्तर भारत के 7 प्रमुख राज्यों की कुल 91 लोकसभा सीटों पर किसी मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टी द्वारा खड़े किए गए अकेले मुस्लिम प्रत्याशी हैं.

17वीं लोकसभा के गठन के लिए हो रहे इन आम चुनावों में खड़े किए गए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के प्रत्याशियों की लिस्ट पर नज़र डालते ही एक बात साफ़ हो जाती है.

दोनों की प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों ने मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे 7 महत्वपूर्ण उत्तर-भारतीय राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया.

राजस्थान के चुरु से कांग्रेस के टिकट पर खड़े हुए रफ़ीक मंडेलिया इसका एक मात्र अपवाद हैं.

समर्थकों की भीड़ और जीत का दावा

दिल्ली से तक़रीबन 400 किलोमीटर दूर, चुरु लोकसभा सीट के सुजानगढ़ क्षेत्र में चल रही अपनी प्रचार रैलियों और चुनावी सभाओं के दौरान रफ़ीक मंडेलिया ने बीबीसी से विशेष बातचीत की.

राजस्थान की चुभती ग़र्मी और मई की कड़ी धूप होने के बावजूद उनकी सभाएं समर्थकों से भरी हुई थीं.

यहां ध्यान देने वाली बात है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में चुरु सीट से ही कांग्रेस के टिकट पर खड़े हुए मंडेलिया मात्र 1850 वोटों से हार गए थे.

लेकिन इस बार विकास, बिजली और पानी से जुड़े मुद्दों पर जनता से वोटों की अपील कर रहे मंडेलिया, आज समाज के हर तबके के समर्थन के साथ-साथ जीत का दावा भी कर रहे हैं.

बीबीसी से बातचीत में वह कहते हैं की उन्हें मुसलमानों के साथ साथ हिंदुओं का भी समर्थन मिल रहा है, "मैं अभी चुरु विधानसभा से लड़ा था तो 85 हज़ार वोट मिले थे. इसमें 55 हज़ार वोट हिंदू भाइयों के थे और तीस हज़ार मुसलमानों के. इसलिए मुझे एहसास नहीं होता हिंदू मुसलमान का. मैं बचपन से रहा ही हिंदू भाइयों के अंदर हूँ. मुझे हर समाज का समर्थन है."

मुस्लिम उम्मीदवारों पर भरोसा कम क्यों?

राजनीतिक विश्लेषक राजस्थान के साथ साथ 7 महत्वपूर्ण उत्तर भारतीय राज्यों में भाजपा और कांग्रेस को मिलकार सिर्फ़ एक मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिए जाने को किसी भी तरह चुनाव जीतने की होड़ से जोड़ रहे हैं.

जयपुर स्थित अपने निवास पर दिए गए एक साक्षात्कार में वरिष्ठ पत्रकार और विश्लेषक राजन महान बताते हैं, "सभी पार्टियाँ चाहे वो भाजपा हो या कांग्रेस, इस चुनाव में मेरिट को कम तवज्जो में दे रहे हैं और कैंडिडेट के चुनाव जीतने की संभावना को ज़्यादा.''

''इसी वजह से टिकट तय करते हुए उन्हें लगता है कि एक मुस्लिम कैंडिडेट की नैचुरल अपील शायद सिर्फ़ मुस्लिम मतदाता तक ही रहेगी. मुस्लिम नेताओं को टिकट ना दिए जाने के पीछे यह एक महत्वपूर्ण कारण है"

बीते 16 लोकसभा चुनावों के दौरान 25 लोकसभा सीटों वाले राजस्थान ने मात्र एक मुस्लिम प्रत्याशी तो चुनकर संसद भेजा है.

मतदाता
BBC
मतदाता

पिछले पाँच साल में मॉब लिंचिंग की कई घटनाओं के कारण राजस्थान लगतार सुर्खियों में रहा. मंडेलिया अकेले मुस्लिम प्रत्याशी होने के दबाव को नकारते हैं और चुनावी पटल पर मुस्लिम उम्मीदवारों के घटते प्रतिनिधित्व के लिए राजनीतिक पार्टियों की नीतियों को दोषी ठहराते हैं.

मंडेलिया कहते हैं, "भारतीय जनता पार्टी तो अल्पसंख्यकों को कभी टिकट देती नहीं. कांग्रेस पार्टी देती तो है लेकिन उनकी भी टिकटों में बदलाव होता रहता है. जैसे 2009 में मैं चुरु से लड़ा, फिर यहां मैंने काम किया लेकिन फिर 2014 में किसी और को टिकट दे दिया.''

''कभी चुरु में टिकट दे दिया, कभी टोंक सवाईमाधोपुर में दे दिया, कभी जयपुर में दिया तो कभी अजमेर. उम्मीदवार का लोकसभा क्षेत्र ऐसे लगातार बदली करने से उसके काम करने का क्षेत्र बदल जाता है. और इसका असर परिणामों पर पड़ता है."

जानकर उत्तर भारत के लोकसभा प्रत्याशियों में अल्पसंखकों के लगातार घटते प्रतिनिधित्व को निराशाजनक मानते हैं.

राजन महान इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण से जोड़ते हुए कहते हैं, "भाजपा ने मुस्लिम प्रत्याशियों को न के बराबर टिकट देने का प्रयोग पहले गुजरात में किया और फिर उत्तर प्रदेश में. अब ऐसा लग रहा है कि दूसरी पार्टियाँ भी उनके असर में आकर कहीं न कहीं डिफेंसिव होकर मुसलमानों को उतने टिकट नहीं दे पा रहीं हैं जितने वास्तव में दिए जाने चाहिए."

मंडेलिया की सभा में आए लोग
BBC
मंडेलिया की सभा में आए लोग

धार्मिक पहचान से परे वोटिंग

उधर मंडेलिया की चुनावी सभाओं में उनके समर्थक उनकी धार्मिक पहचान से परे उन्हें वोट देने का दावा करते हैं.

सुजानगढ़ के जेशराम प्रजापति कहते हैं, "यह धर्म निर्पेक्ष राष्ट्र हैं. इसलिए साम्प्रदायिक ताक़तों को जवाब देने के लिए हम कांग्रेस को वोट करेंगे."

उनके साथ खड़े जाट समुदाय से आने वाले मुनिराम सारन जोड़ते हैं, "जाटों के बारे में कहा जाता है कि हम मुसलमान को वोट नहीं देते. लेकिन ऐसा नहीं है. सुजानगढ़ से हम सारे मंडेलिया जी को वोट करेंगे"

राजन महान आगे जोड़ते हैं कि मुस्लिम प्रत्याशियों के लगातार घटते प्रतिनिधित्व के लिए सिर्फ़ भाजपा और कांग्रेस जैसी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता.

वह कहते हैं, "यह बात बिल्कुल सही है कि पार्टियाँ प्रत्याशी खड़े ही नहीं करेंगी तो जनता चुनेगी कैसे? लेकिन यह तर्क रिवर्स होकर भी लागू होता है. जैसे कि जब जनता चुनेगी ही नहीं तो अल्पसंख्यक प्रत्याशियों को टिकट कैसे मिलेंगे?''

मतदाता
BBC
मतदाता

''उदाहरण के लिए आप यह देखिए कि पिछले 16 लोकसभा चुनावों में राजस्थान ने सिर्फ़ एक मुस्लिम कैंडिडेट को जिताकर संसद भेजा. यह ट्रैक रिकर्ड निराशाजनक है. इस वजह से सिर्फ़ पार्टियों को ही पूरा दोष नहीं दिया जा सकता. समाज में रहते हुए हम लोगों को भी अपने अंदर झांकना होगा.''

''हमें यह सोचने की ज़रूरत है कि क्या हम सिर्फ़ जाती और धर्म के कलकुलेशन के हिसाब से वोट डालेंगे? बनिस्पत इसके की हम यह देखें की कौन सा उम्मीदवार हमारे क्षेत्र में ज़्यादा विकास करवाएगा.''

''तो राजनीतिक पार्टियों के साथ साथ जनता को भी अपने अंदर इनक़्लूसिव या सामवेशी सोच लानी होगी".

6 मई को चुनाव के पांचवे चरण में मतदान करने वाली चुरु की जनता रफ़ीक मंडेलिया के साथ-साथ अल्पसंख्यकों के भारतीय राजनीति में प्रतिनिधित्व पर भी अपने फ़ैसले को ईवीएम मशीन में बंद करेगी.

ये भी पढ़ेंः

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
The only Muslim candidate in Rajasthan for 25 Lok Sabha seats
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X