Ayodhya Verdict: सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए मंदिर के सबूतों की छपेगी किताब
नई दिल्ली। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देशभर से लोगों की प्रतिक्रिया आ रही है। देश के कई दिग्गजों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को एतिहासिक बताया है और लोगों से शांति स्थापित करने की अपील की। इसी बीच सांस्कृतिक और पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शनिवार को एक बड़ी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सबूत के तौर पर पेश किए गए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट को जल्द ही पुस्तक के रूप में आम जनता के लिए प्रकाशित किया जाएगा।
सबूतों की छपेगी किताब
प्रहलाद सिंह पटेल यह जानकारी शनिवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद दिया है। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत और सम्मान करते हैं। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में चल रही विवादित जमीन के सुनवाई के दौरान रामलला की तरफ से एएसआई की रिपोर्ट को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया गया था, जल्द ही उस रिपोर्ट की कॉपी पुस्तक के रूप में सामने आने वाली है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने के लिए केंद्र को तीन महीने के भीतर ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिए जाने के बाद यह बयान आया है।
मील का पत्थर साबित होगा फैसला: अमित शाह
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि, मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा। मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूँ कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें।
मस्जिद निर्माण में हिंदू भाई भी करें मदद: रामदेव
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस पर 40 दिन चली सुनवाई के बाद शनिवार को न्यायालय ने अपना फैसला दे दिया है। कोर्ट ने विवादित जमीन को रामलला को देने का आदेश दिया है और मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में ही कहीं अन्य स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है। फैसले का सम्मान करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि यह फैसला एतिहासिक है। मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक भूमि आवंटित करने का निर्णय स्वागत योग्य है, मेरा मानना है कि हिंदू भाइयों को मस्जिद के निर्माण में भी मदद करनी चाहिए।