केंद्र सरकार ने mapping policy में बड़े बदलाव का ऐलान किया, PM Modi ने ये कहा
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को देश की मानचित्र नीति में बहुत बड़े बदलाव का ऐलान किया है। कहा जा रहा है कि इससे भारतीय कंपनियों को काफी लाभ मिलेगा। मानचित्र नीति में यह बदलाव मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान को नजर में रखते हुए किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर इसकी घोषणा करते हुए इसे देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार के नजरिए में बहुत बड़ा नीतिगत बदलाव बताया है।

मानचित्र नीति में बड़े बदलाव का ऐलान
देश की मानचित्र नीति में बदलाव की घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा है, 'हमारी सरकार ने एक निर्णय किया है, जो डिजिटल इंडिया को बहुत प्रोत्साहन देगा। जियोस्पैशियल डेटा के अधिग्रहण और उत्पादन को नियंत्रित करने वाली उदारवादी नीतियां, आत्मनिर्भर भारत के हमारे नजरिए की दिशा में बड़ा कदम है। ' आगे के ट्वीट में उन्होंने इसे देश के लिए बहुत बड़ा अवसर बताया है। उनके मुताबिक, 'सुधार हमारे देश के स्टार्ट-अप, निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र और अनुसंधान संस्थानों में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए बेहतर समाधान के अवसरों का द्वार खोल देंगे। इससे रोजगार भी पैदा होंगे और आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।'
किसान और कारोबार को लाभ
उन्होंने यह भी कहा है कि इससे देश के किसानों भी लाभ मिलेगा। उनके मुताबिक इससे जियोस्पैशियल और रिमोट सेंसिंग डेटा की क्षमता में इजाफा होगा। उन्होंने कहा है, 'ये सुधार भारत में ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को बेहतर बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं।'
मंत्रालय की ओर से क्या कहा गया है?
विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय के मुताबिक सरकार ने मानचित्र नीति में बदलाव की जो घोषणा की है, इसके बाद दुनिया में जो आसानी से उपलब्ध है उसपर भारत में भी किसी तरह की रुकावट नहीं रहेगी और इसलिए जो जियोस्पैशियल डेटा अबतक प्रतिबंधित होता था, वह भारत में भी आसानी से उपलब्ध होगा। इससे अनावश्यक लालफीताशाही पर रोक लगने और इनोवेशन में आने वाली रुकावटों के रुकने के भी आसार हैं। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है 'मौजूदा समय में निर्माण से लेकर मानचित्रों के प्रसार तक मानचित्र उद्योगों पर कई तरह के रोक हैं। भारतीय कंपनियों को लाइसेंस लेनी पड़ती है, कई तरह की मंजूरियों और अनुमति के सिस्टम से गुजरना पड़ता है।' लेकिन, नीति में बदलाव से यह सब काफी आसान होगा। इसमें आगे कहा गया है कि 'हमारो कॉर्पोरेशन और इनोवेटर को अब किसी तरह की पाबंदी से नहीं गुजरना होगा और ना ही भारत के भीतर डिजिटल जियोस्पैशियल डेटा और मानचित्र को जुटाने, पैदा करने, तैयार करने, बनाने, प्रसार करने, जमा करने, पब्लिश करने और अपडेट करने के लिए किसी पूर्व-मंजूरी की जरूरत होगी।' मंत्रालय के मुताबिक सरकार भारत को दुनिया के मानचित्र शक्ति के तौर पर भी उभरता देखना चाहती है।