तेलंगाना में मुनुगोड़े कांग्रेस नेताओं को लुभाने में जुटी सत्तारूढ़ पार्टी TRS
तेलंगाना में मुनुगोड़े कांग्रेस नेताओं को लुभाने में जुटी सत्तारूढ़ पार्टी TRS
हैदराबाद, 26 जुलाई: तेलंगाना में अगले साल चुनाव होने वाले हैं। इसके मद्देनजर भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति पर अभी से काम करना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों हैदराबाद में हुई भाजपा की राष्ट्रीय बैठक भी इसी का एक हिस्सा है। वहीं तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टी टीआरएस कथित तौर पर कांग्रेस नेताओं को लुभाने की कोशिश करने में जुट चुकी है। मुनुगोड़े में पार्टी को मजबूत करने के लिए टीआरएस ने अपना ध्यान तत्कालीन नलगोंडा जिले के विधानसभा क्षेत्र में देना शुरू कर दिया है।
बता दें सत्तारूढ़ पार्टी टीआरएस जो हाल ही में भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले विधायक कोमातीरेड्डी राजगोपाल रेड्डी के राजनीतिक कदमों को महत्पूर्ण तरीके से देख रही है।
राव ने 13 नए मंडल बनाने के निर्णय की घोषणा की
शनिवार को टीआरएस प्रमुख मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने नलगोंडा जिले में गट्टुप्पल मंडल सहित 13 नए मंडल बनाने के निर्णय की घोषणा की। महत्वपूर्ण बात ये है कि पहले राजगोपाल रेड्डी ने इसका विरोध किया था। सरपंचों और एमपीटीसी सहित राजगोपाल रेड्डी के करीबी सहयोगियों ने सत्ताधारी पार्टी में शामिल होने का फैसला करने के बाद टीआरएस ने आठ गांवों को मिलाकर गट्टुप्पल मंडल बनाने का फैसला किया।
फैसले
के
बाद
कई
कांग्रेस
नेता
टीआरएस
में
हुए
शामिल
राज्य
में
13
नए
मंडल
बनाने
के
सरकार
के
फैसले
के
एक
दिन
बाद
मुनुगोड़े
विधानसभा
क्षेत्र
के
कई
कांग्रेस
नेता
ऊर्जा
मंत्री
जी
जगदीश
रेड्डी
की
उपस्थिति
में
टीआरएस
में
शामिल
हो
गए।
जगदीश
रेड्डी
ने
कहा
कि
वह
इस
क्षेत्र
का
विशेष
ध्यान
रखेंगे
क्योंकि
स्थानीय
विधायक
निर्वाचन
क्षेत्र
के
विकास
पर
ध्यान
केंद्रित
नहीं
कर
रहे
हैं।
केंद्र
सरकार
तेलंगाना
की
प्रगति
में
बाधा
डाल
रही
वहीं
ऊर्जा
मंत्री
ने
आरोप
लगाया
कि
मुनुगोड़े
विधायक
बार-बार
अपने
राजनीतिक
बयान
बदल
रहे
हैं।
रेड्डी
ने
ये
भी
कहा
राजगोपाल
रेड्डी
हमेशा
अपनी
पार्टी
के
नेताओं
की
आलोचना
करते
हैं
और
अन्य
दलों
के
नेताओं
की
प्रशंसा
करते
हैं।
उन्होंने
आरोप
लगाया
कि
भाजपा
के
नेतृत्व
वाली
केंद्र
सरकार
तेलंगाना
की
प्रगति
में
बाधा
डाल
रही
है।
मुनुगोड़े कभी वामपंथी दलों का मजबूत गढ़ था
गौरतलब है कि मुनुगोड़े कभी वामपंथी दलों का मजबूत गढ़ हुआ करता था। टीआरएस ने 2014 के विधानसभा चुनावों में केवल एक बार इस क्षेत्र में जीत हासिल की थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में राजगोपाल रेड्डी ने तत्कालीन ऊर्जा मंत्री जी जगदीश रेड्डी को हराया था।
2023 में होने वाले हैं विधानसभा चुनाव
बता दें आंध्र प्रदेश से अलग होकर बने तेलंगाना राज्य के गठन के बाद से ही यहां चंद्रशेखर राव के हाथों में ही सरकार की कमान है। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद अब दिसंबर 2023 से पूर्व तेलंगाना विधानसभा होने हैं । 119 सीटों वाली विधानसभा में टीआरएस प्रमुख मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का वर्चस्व है। चूंकि हाल ही में हुए हैदराबाद निकाय चुनाव में भाजपा ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था और ओवैसी के गढ़ में संंध लगाई थी। इसके बाद भाजपा उत्साहित है और दक्षिण के राज्य तेलंगाना में अपनी पकड़ मजबूत बनाने में जुट चुकी है।