Bilkis Bano Case: तेलंगाना के मंत्री KTR की मांग- पीएम मोदी करें हस्तक्षेप, बदला जाए कानून
हैदराबाद, 17 अगस्त: गुजरात सरकार की ओर से बिलकिस बानो गैंगरेप केस में जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 अभियुक्तों को रिहा कर दिया गया है, जिसके बाद गुजरात सरकार विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस से लेकर तमाम विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछ रही है। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन सभी दोषियों को गोधरा जेल में रिहाई दी गई थी। दोषियों के जेल से बाहर आने के बाद उनको तिलक किया गया था और आरती उतारी गई थी, जिसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। वहीं अब तेलंगाना मंत्री केटी रामा राव बिलकिस बानो केस में पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
साल 2002 बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में सभी 11 आजीवन कारावास के दोषियों को गुजरात सरकार की छूट नीति के तहत गोधरा उप-जेल से रिहा किया था, जिस पर तेलंगाना सरकार में उद्योग मंत्री केटीआर ने बुधवार को अभियुक्तों की रिहाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री ने महिलाओं का सम्मान करने की अपील की थी, लेकिन शाम में ही गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो के 11 आरोपियों को रिहा कर दिया। हम उम्मीद करते हैं पीएम इसमें हस्तक्षेप करेंगे और इस फैसले को बदलेंगे और IPC, CrPC में भी बदलाव करेंगे।
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उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार के आदेश को को बदलेंगे, क्योंकि यह एक गलत मैसेज दे रहा है कि एक बलात्कारी जेल से बाहर आता है और उसका स्वागत किया जाता है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि आईपीसी, सीआरपीसी और किशोर न्याय अधिनियम में बदलाव किया जाना चाहिए।
बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई पर ओवैसी ने पूछा- क्या ये महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पीएम मोदी और गुजरात सरकार पर सवाल उठाते हुए कई सवाल दागे थे। उन्होंने अपने बयान में कहा था किजहां पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान महिलाओं के मुद्दों कई बड़ी-बड़ी बातें कही। वहीं कुछ घंटे बाद भाजपा शासित गुजरात सरकार ने इस तरह के जघन्य अपराध के अपराधियों को छूट देने की घोषणा की। क्या बलात्कार उस श्रेणी में नहीं आता। जिसकी कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।