तेलंगाना के मुख्यमंत्री की आशंका-'बादल फटने के पीछे विदेशी हाथ', KCR ने ऐसा क्यों कहा? जानिए
हैदराबाद, 17 जुलाई: देश में जितनी भी बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं, उसके पीछे दूसरे देशों की साजिश की आशंका है। यह बात तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कही है। इस साल राज्य में भारी बारिश हो रही है और इसकी वजह से गोदावरी नदी में बाढ़ आई हुई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और बाढ़ पीड़ितों की परेशानियों से रूबरू होने के बाद केसीआर ने मौसम की इस घटना के पीछे विदेशी हाथ होने की आशंका जताई है, जिसे वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग का परिणाम बताते हैं।
दूसरे देशों की ओर से साजिश की योजना का संदेह- केसीआर
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने देश में बादल फटने की घटनाओं के पीछे विदेश हाथ की आशंका जता दी है। राज्य के गोदावरी इलाके में बादल फटने की घटनाओं के बाद आई भयानक बाढ़ को लेकर कहा है कि यह बादल फटने का परिणाम है और इसके पीछे 'दूसरे देशों की ओर से साजिश की योजना' का संदेह है। केसीआर ने इस तरह की दलील भद्राचलम में बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर दी है। जिस समय मुख्यमंत्री ऐसी टिप्पणी कर रहे थे, तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार भी मंच पर मौजूद थे।
'जानबूझकर हमारे देश में इन घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा'
केसीआर ने कहा- 'एक नई घटना है, जिसे बादल फटना कहते हैं। लोगों का कहना है कि इसमें कुछ साजिश है, हम नहीं जानते कि इसमें कितनी सच्चाई है, कि दूसरे देशों के लोग जानबूझकर हमारे देश में कुछ खास जगहों पर बादल फटने की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। पहले उन्होंने कश्मीर के पास किया, लद्दाख-लेह में किया, फिर उत्तराखंड में और अब हमें कुछ रिपोर्ट मिल रही हैं कि वो गोदावरी इलाके में ऐसा कर रहे हैं।' तेलंगाना सरकार इस बार की बाढ़ को प्रदेश की अबतक की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा में से एक बता रही है।
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सीएम ने की 'गंगाम्मा' या गोदावरी नदी की पूजा
पिछले एक हफ्ते से भी ज्यादा समय से हो रही लगातार बारिश ने तेलंगाना के कई इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा किए हैं। मंदिर के शहर भद्राचलम में जल स्तर 70 फीट तक पहुंच गया था जो कि 53 फीट के तीसरे और बाढ़ की आखिरी चेतावनी से कहीं ज्यादा था। हालांकि, आज जल स्तर में काफी गिरावट दर्ज की गई है और वह घटकर 60 फीट पर रह गया है। मुख्यमंत्री खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर पहुंचे थे और 'गंगाम्मा' या गोदावरी नदी की शांति पूजा की, जो उफान पर है। वे एतुरनगरम भी पहुंचे थे।
बाढ़ पीड़ितों के लिए सुरक्षित कॉलनियां बनाने का फैसला
शनिवार की शाम को ही मुख्यमंत्री केसीआर ने मंत्रियों, विधायकों और स्थानीय अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि सीएम ने वित्त मंत्री हरीश राव को बाढ़ पीड़ितों के लिए मेडिकल कैंप के अलावा पर्याप्त मात्रा में दवा और खाने की चीजों की व्यवस्था करने को कहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक सीएम ने भद्राचलम के बाढ़ पीड़ित परिवारों के स्थाई समाधान के लिए सुरक्षित कॉलनियां बनाने का भी फैसला किया है, ताकि इस समस्या का स्थायी समाधान मिल सके।
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बादल फटना किसे कहते हैं ?
बादल फटना मौसम की उस घटना के लिए इस्तेमाल होता है, जिसमें बहुत कम समय में एक निश्चित क्षेत्र में बहुत ही ज्यादा बारिश हो जाती है, जिससे बाढ़ की भयानक स्थिति पैदा होने लगती है। मौसम विभाग के मुताबिक यह अचानक बहुत ज्यादा मात्रा में होने वाली बारिश है, जिसमें 20 से 30 वर्ग किलोमीटर के दायरे में प्रति घंटे 10 सेंटी मीटर या इससे भी ज्यादा बारिश हो जाती है। इतनी ज्यादा बारिश की वजह से तबाही वाली बाढ़ आने की आशंका पैदा हो जाती है।