लोकसभा में घमासान के बीच पास हुआ तेलंगाना बिल, कार्यवाही की प्रसारण पर लगा रोक
वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष वाईएसआर जगनमोहन रेड्डी ने इसे देश के इतिहास का काला दिन करार दिया और बुधवार को आंध्र प्रदेश बंद रखने का आह्वान किया। उन्होंने मीडिया से कहा कि संसद में आज यह विधेयक आंध्र प्रदेश विधानसभा और राज्य की जनता की इच्छा के बगैर पारित हुआ है। जगन ने कहा कि हमने आज देखा कि कैसे अलोकतांत्रिक तरीके से एक विधेयक पारित हुआ।
जिस तरह से कार्यवाही हुई, जिस तरह से लोकसभा अध्यक्ष ने 'हां' और 'ना' कहा, इससे यह स्पष्ट हो गया कि कैसे लोकतंत्र की दिनदहाड़े हत्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह देश के इतिहास का काला दिन है। हम कल (बुधवार) आंध्र प्रदेश बंद रखने का आह्वान करते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने लोकसभा में शोरशराबे के बीच मंगलवार को आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक, 2014 पेश किया। शिंदे के सदन में विधेयक पेश करने के बाद सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई।
कुछ सदस्यों ने राज्य विभाजन के विरोध में तख्तियां भी लहराई। द्रविड मुनेत्र कड़गम (डीएमके), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी अपने मुद्दे उठाए। कुछ सदस्य अनुसूचित जाति-जनजाति उप योजना विधेयक को पारित करने की मांग करते हुए तख्तियां दिखाते नजर आए। तेलंगाना गठन का समर्थन कर रहे सांसद भी अध्यक्ष की आसंदी के नजदीक पहुंच गए। सदन के दिन के कामकाज से संबंधित कागजात पटल पर रखे जाने के बाद शिंदे ने तेलंगाना विधेयक पेश किया।
अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों को कार्यवाही सुचारु रूप से चलने देने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहने पर कार्यवाही अपराह्न 12.45 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन में दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर सीमांध्र के सांसद फिर अध्यक्ष की आसंदी के नजदीक पहुंच गए। कुछ अन्य पार्टी के नेताओं ने भी अपने मुद्दे उठाए। शिंदे द्वारा विधेयक पेश करने के दौरान विरोध जारी रहा, जिसे देखते हुए अध्यक्ष ने कार्यवाही अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।