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तमिलनाडुः महिलाओं को नौकरियों में 40% आरक्षण, पुरुषों पर क्या होगा असर

शिवाबालन कहते हैं, "सरकार को सरकारी नौकरियों में महिलाओं और पुरुषों के अनुपात का पूरा डाटा जारी करना चाहिए था और फिर आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाना चाहिए था. उन्होंने ऐसा नहीं किया, इसी वजह से विरोध हो रहा है. भले ही 1989 से महिलाओं के लिए आरक्षण लागू हो लेकिन अभी तक सरकारी नौकिरयों में महिलाओं का प्रतिशत पचास तक नहीं पहुंच पाया है

By BBC News हिन्दी
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महिला पुलिसकर्मी
Getty Images
महिला पुलिसकर्मी

तमिलनाडु में सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए आरक्षण 30 फ़ीसदी से बढ़ाकर 40 फ़ीसदी कर दिया गया है. प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि इससे पुरुषों के लिए मौक़े कम होंगे. पर इन दावों की सच्चाई क्या है?

तमिलनाडु में महिलाओं को पहले से ही सरकारी नौकरियों में 30 फ़ीसदी आरक्षण प्राप्त था. 13 सितंबर को राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 40 फ़ीसदी कर दिया. राज्य के वित्त और मानव संसाधन मंत्री पलानीवेल त्यागराजन ने विधानसभा में इसकी घोषणा की.

सरकार के इस क़दम से सरकारी दफ़्तरों में महिलाओं की संख्या बढ़ जाएगी. अलग-अलग सेक्टरों के बहुत से लोगों ने सरकार के इस क़दम का स्वागत किया है.

1989 में एम करुणानिधि के शासनकाल में महिलाओं को नौकरियों में 30 फ़ीसदी आरक्षण दिया गया था. अब इसमें 10 फ़ीसदी की और बढ़ोत्तरी कर दी गई है.

द एसोसिएशन ऑफ़ बैकवर्ड क्लास वर्कर्स इन इंडिया के महासचिव जी करुणानिधि कहते हैं कि इस तरह का आरक्षण वक़्त की ज़रूरत है.

हालांकि पुरुष प्रतिभागियों को लगता है कि 30 फ़ीसदी आरक्षण के ज़रिए ही महिलाएं अधिकतर नौकरियां पा रहीं थीं, अब अतिरिक्त आरक्षण से पुरुषों के लिए मौके और भी कम हो जाएंगे.

तमिलनाडु लोक सेवा आयोग परीक्षा के एक ट्रेनर इय्यासामी कहते हैं, "परीक्षा पूरी हो जाने के बाद जब अंतिम सूची बनती है तब उन्हें सूची में महिलाओं का प्रतिशत देखना चाहिए. यदि 40 फ़ीसदी महिलाएं हो तो फिर आरक्षण लागू नहीं होना चाहिए. लेकिन रैंक में यदि 40 फ़ीसदी महिलाएं होती हैं तब भी महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होता है. इससे पुरुषों के लिए मौक़े कम हो जाते हैं."

तमिलनाडु लोक सेवा आयोग के नतीजों के मुताबिक ग्रुप 1 और ग्रुप 2 की नौकरियों में महिलाओं के पास होने का प्रतिशत अधिक होता है. ग्रुप 1 में महिलाएं 75 फ़ीसदी सीटें ले लेती हैं और ग्रुप 2 में महिलाएं 60 फ़ीसदी सीटें ले लेती हैं. निचली श्रेणी जैसे कि ग्रुप 4 की परीक्षाओं में पुरुष उम्मीदवार अधिक चयनित होते हैं.

ऐसे में कुछ ट्रेनर मानते हैं कि आरक्षण को 50-50 बांटा जा सकता है.

काम करती महिला
Getty Images
काम करती महिला

मानव संसाधन विकास विभाग की पॉलिसी रिपोर्ट भी ऐसी ही तस्वीर दिखाती है. 30 फ़ीसदी आरक्षण के बावजूद महिलाओं ने तमिलनाडु लोक सेवा आयोग की भर्तियों में अधिक नौकरियां प्राप्त की हैं.

हालांकि जी करुणानिधि इस सिद्धांत से मतभेद रखते हैं. वो कहते हैं, "जब पहली बार आरक्षण दिया गया था तब सवर्ण वर्गों ने भी इसी तरह मौके कम हो जाने का रोना रोया था. अब पुरुष भी ऐसा ही कह रहे हैं. महिलाओं को सभी परीक्षाओं में अधिक अंक मिलते हैं तो ज़ाहिर तौर पर उन्हें सीटें भी अधिक मिलेंगी. इसमें शिकायत की कोई बात ही नहीं है."

वहीं शंकर आईएएस अकादमी के शिवाबालन कहते हैं कि दो तीन सालों से ही आरक्षण का मुद्दा उठाया जा रहा है क्योंकि अब आँकड़े तुरंत जारी कर दिए जाते हैं.

शिवाबालन कहते हैं, "सरकार को सरकारी नौकरियों में महिलाओं और पुरुषों के अनुपात का पूरा डाटा जारी करना चाहिए था और फिर आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाना चाहिए था. उन्होंने ऐसा नहीं किया, इसी वजह से विरोध हो रहा है. भले ही 1989 से महिलाओं के लिए आरक्षण लागू हो लेकिन अभी तक सरकारी नौकिरयों में महिलाओं का प्रतिशत पचास तक नहीं पहुंच पाया है. जब हम ये आंकड़ा हासिल कर लेंगे तब ही भर्तियों में 50-50 के फार्मूले की बात कर सकते हैं. हमें इस मुद्दे को आँकड़ों के ज़रिए नहीं देखना चाहिए, हमें ये देखना चाहिए कि पूरे परिदृश्य में महत्वपूर्ण क्या है."

महिलाएं
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महिलाएं

1929 में जब आत्मसम्मान सम्मेलन हुआ था तब ईपी रामास्वामी पेरियार ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 फ़ीसदी और स्कूलों में शिक्षकों की नौकरियों में 100 फ़ीसदी आरक्षण मांगा था.

पेरियार ने ही आत्मसम्मान अभियान शुरू किा था जो बाद में जस्टिस पार्टी के साथ मिल गया था और फिर द्रविड़ आंदोलन बन गया था.

शिवाबालन कहते हैं, "इस घोषणा के ज़रिए तमिलनाडु सरकार उस प्रस्ताव के नज़दीक पहुंच रही है. हम सभी को इस पर ख़ुश होना चाहिए. स्कूल परीक्षाओं समेत सभी परीक्षाओं में लड़कियां अधिक अंक हासिल करती हैं. अपनी समझ, बुद्धिमत्ता और मेहनत के ज़रिए वो अधिक सीटें हासिल करती हैं. हम इसके लिए आरक्षण को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं."

वहीं पुरुष प्रतियोगियों का कहना है कि वो सरकार की ये घोषणा सुनने के बाद सकते में हैं. अब ट्विटर पर वो सरकार के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अभियान भी चला रहे हैं.

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BBC Hindi
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English summary
Tamil Nadu: 40 Percent Reservation In Jobs For Women, What Will Be Effect On Men
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