सुषमा बोलीं, अब सोनिया भी बोले
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) और कांग्रेस की गैर मौजूदगी में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उचित मौका देखते हुए आखिर लोकसभा में ललित मोदी पर अपना विस्तृत बयान दे ही डाला।
सुषमा ने कांग्रेस को चुनौती दी है कि यदि उसके पास उनका कोई ऐसा ई-मेल, पत्र या दस्तावेज हो, जिसमें उन्होंने ब्रिटिश सरकार पर दबाव डाला हो तो वह उसे देश के सामने पेश करे। अब सुषमा ने तो अपना पक्ष रख दिया...देखें विपक्ष इस पर कैसे प्रतिक्रिया देता है।
फैसला छोड़ा
उन्होंने कहा कि उन्होंने यात्रा वीजा देने या नहीं देने का फैसला ब्रिटिश सरकार पर छोड़ दिया था। और उन्होंने ललित मोदी नहीं, कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी की मानवीय आधार पर मदद की थी।
सुषमा ने पूछा कि यदि मेरी जगह सोनिया गांधी होती तो क्या वो ऐसी भारतीय नागरिक (ललित मोदी की पत्नी) की मदद नहीं करती, जो किसी केस में वांछित (अपराधी) नहीं हैं और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रही हैं।
कैंसरी पीड़ित
सुषमा बोलीं कि यदि एक कैंसर से पीड़ित महिला की मदद करना अपराध है तो मैं देश के समक्ष अपना गुनाह कुबूल करती हूं और इसके लिए सदन मुझे जो सजा देना चाहे, मैं भुगतने के लिए तैयार हूं।
यदि सोनिया गांधी मेरी जगह होतीं तो क्या वे ऐसी कैंसर पीड़ित महिला को मरने के लिए छोड़ देतीं। यह बड़ा मानवीय संवेदना का मामला है। वरिष्ठ लेखक ओंमकार चौधरी कहते हैं कि सोनिया गांधी को इसका जवाब देना चाहिए।