शरद पवार बोले- पूरा देश एक आत्महत्या की बात कर रहा है, अन्य मुद्दों को नजरअंदाज करना सही नहीं
नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा पास किए गए कृषि बिल का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। अब एनसीपी प्रमुख शरद पवार सुशांत सिंह राजपूत मामले के सहारे मोदी सरकार पर निशाना साधा है। शरद पवार ने कहा कि, एक सुसाइड केस पर तीन महीनों से बात हो रही है। किसानों की आत्महत्याओं समेत कई अन्य मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है। इससे पहले शरद पवार संसद से निलंबित किए गए सदस्यों को समर्थन में उतर आए हैं।
एनसीपी चीफ शरद पवार ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि, एक आत्महत्या के मामले पर पिछले तीन महीनों से बात की जा रही है। अन्य मुद्दों को नजरअंदाज करना सही नहीं है। आत्महत्या से किसान भी मर रहे हैं, सरकार को उस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। कोई भी आत्महत्या दुःखद है। क्यों पूरा देश एक मामले पर फंसा हुआ है जब कि इतने किसान आत्महत्या कर रहे हैं। 25 सितंबर को देशव्यापी आन्दोलन है, जिसमें उनकी पार्टी किसानों के हित की आवाज उठाएगी।
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इससे पहले शरद पवार ने अगस्त में कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक व्यक्ति आत्महत्या करके मर गया, लेकिन इसकी इतनी चर्चा क्यों हो रही है? मुझे नहीं लगता कि यह इतना बड़ा मुद्दा है। एक किसान ने मुझे बताया कि 20 से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं, किसी ने भी इस बारे में बात नहीं की। शरद पवार की टिप्पणियां ऐसे समय सामने आईं हैं जब इस मामले ने शिवसेना की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार और विपक्षी भाजपा के बीच जमकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर संसद परिसर में सोमवार पूरी रात धरना पर बैठे रहे राज्यसभा से निलंबित आठ सांसदों का समर्थन करते हुए नेशनल कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि, मैं भी उनके (आठ निलंबित राज्यसभा सांसदों) आंदोलन में हिस्सा लूंगा और उनके समर्थन में एक दिन का उपवास रखूंगा। बता दें कि, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, आप पार्टी से संजय सिंह, कांग्रेस से रिपुन बोरा, नासिर हुसैन, राजीव सातव, सीपीएम से केके राकेश औऱ ए करीम को संसद से निलंबित किया गया है।
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