'चल भी नहीं पाती थी, जब नक्सलियों ने की पिता की हत्या', अब बेटी ने खेलो इंडिया में गोल्ड मेडल जीत रचा इतिहास
'चल भी नहीं पाती थी, जब नक्सलियों ने की पिता की हत्या', अब बेटी ने खेलो इंडिया में गोल्ड मेडल जीत रचा इतिहास
नई दिल्ली, 10 जून: झारखंड के गुमला जिले के बुरहू गांव की रहने वाली 19 वर्षीय लड़की सुप्रीति कच्छप ने 9 मिनट 46.14 सेकेंड में एक नया एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया राष्ट्रीय युवा रिकॉर्ड बनाया है। सुप्रीति कच्छप ने खेलों इंडिया में जूनियर महिला एथलीट में गोल्ड मेडल जीता है। पंचकूला में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में लड़कियों की 3000 मीटर दौड़ में 09 जून को सुप्रीति कच्छप ने 9 मिनट 46.14 सेकेंड में पूरा कर रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मेडल जीता। इससे पहले ये रिकॉर्ड साल 2017 में 9 मिनट 50.54 सेकेंड का था। सुप्रीति कच्छप की संघर्ष की कहानी आज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, बचपन में ही इनके पिता की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी।
सुप्रीति को पिता का चेहरा भी याद नहीं
सुप्रीति कच्छप के पिता की हत्या साल 2003 में दिसंबर में हुई थी। उस वक्त सुप्रीति कच्छप इतनी छोटी थी कि वो सही से चल भी नहीं पाती थी। सुप्रीति कच्छप को अपने पिता का सही से चेहरा भी याद नहीं है। सुप्रीति कच्छप को 09 जून 2022 की सुबह जब मां बालमती देवी ने पंचकूला में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में दौड़ते हुए और गोल्ड मेडल जीतते हुए देखा तो, वह अपने आंसुओं पर काबू नहीं कर पाईं। उनको अपने पुराने दिन याद आ गए।
नक्सलियों ने पिता की हत्या कर, पेड़ से बांध दिया था शव
सुप्रीति कच्छप की मां बालमती देवी ने कहा, ''मुझे आज भी 2003 में दिसंबर की वह धुंधली रात याद है, जब मैं अपने पांच बच्चों के साथ अपने पति रामसेवक उरांव का घर (झारखंड गुमला बुरहू गांव में) लौटने का इंतजार कर रही थी। मेरे पति (रामसेवक उरांव) जो कि गांव के एक चिकित्सक थे, चार अन्य लोगों के साथ पास के ही गांव में एक मरीज के घर गए थे। लेकिन वो उस रात लौटे नहीं। अगले दिन उरांव और अन्य चार लोग मृत पाए गए। उनके शरीर एक पेड़ से बंधे थे और एक संदिग्ध नक्सली हमले में गोली मारकर उन लोगों की हत्या कर दी गई थी।''
'अगर उसके पिता जिंदा होते तो आज गर्व करते...'
द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए सुप्रीति कच्छप की मां बालमती देवी ने कहा, ''सुप्रीति तो चल भी नहीं सकती थी जब उसके पिताजी को नक्सलियों ने मार दिया था। मैंने इन सभी वर्षों में अपने बच्चों का पढ़ाने-लिखाने के लिए बहुत संघर्ष किया है। सुप्रीति को बचपन से ही दौड़ना पसंद है और हमेशा मुझसे वह कहती है कि अगर उसके पिता आज जीवित होते, तो वह उसकी उपलब्धियों पर गर्व करते। हम जानते हैं कि वह उसे देख रहे हैं... जब वह घर लौटेगी, तो हम उसका पदक बुरहू गांव में अपने घर पर रखेंगे।''
पहले मिट्टी के ट्रैक पर दौड़ती थी सुप्रीति
सुप्रीति का दाखिला पहले नुक्रुडिप्पा चैनपुर स्कूल में हुआ था, जहां वह मिट्टी के छोटे से ट्रैक पर दौड़ती थी। बाद में उन्हें छात्रवृत्ति पर गुमला के सेंट पैट्रिक स्कूल में भर्ती कराया गया। इसी स्कूल के अंतर-विद्यालय प्रतियोगिता के दौरान उनको कोच प्रभात रंजन तिवारी ने देखा था। जिसके बाद 2015 में गुमला में झारखंड स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर में सुप्रीति रहने लगीं। प्रभात रंजन तिवारी ने कहा, ''हम आदिवासी प्रतिभाओं को खोजने के लिए अक्सर अंतर-विद्यालय प्रतियोगिताओं में जाते हैं क्योंकि वे सहनशक्ति के मामले में बहुत अच्छे हैं। वह पहले 400 मीटर और 800 मीटर में प्रतिस्पर्धा करती थी, लेकिन जब हमने लंबी दूरी की दौड़ के लिए उसको ट्रेन्ड किया तो उसने अच्छा किया। शुरुआत में, मैंने उसे 3,000 मीटर दौड़ में स्थानांतरित करने से पहले 1,500 मीटर की दौड़ लगवाई, क्योंकि हम चाहते थे कि उसका शरीर मानसिक और शारीरिक रूप दोनों तरह से फिट रहे।''
2016 से बदली सुप्रीति की किस्मत
सुप्रीति 2016 में विजयवाड़ा में जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लड़कियों की 1500 मीटर दौड़ के फाइनल में पहुंची, जिसके बाद उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर 3,000 मीटर की दौड़ दौड़ने लगी। 2018 में सुप्रीति विजयवाड़ा को भोपाल में एसएआई मिडिल एंड लॉन्ग डिस्टेंस अकादमी के लिए चुना गया था, जहां उन्होंने पूर्व राष्ट्रीय रजत पदक विजेता प्रतिभा टोप्पो के तहत ट्रेनिंग लिया था।
2019 में सुप्रीति ने जीता अपना पहला नेशनल मेडल
सुप्रीति ने 2019 में मथुरा में राष्ट्रीय क्रॉस कंट्री चैंपियनशिप में 2,000 मीटर की दौड़ में पहला रजत पदक जीता था। ये सुप्रीति का पहला नेशनल मेडल था। उसी वर्ष, उन्होंने गुंटूर में राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 3,000 मीटर कांस्य पदक जीता था। इस दौड़ में सुप्रीति ने 9 मिनट और 53.85 सेकंड का समय लिया था।
Supriti Kachap (#Jharkhand) was a comfortable winner of the #KIYG2021 Women's 3000m on Thursday.
She clocked a new #NationalJunior record time of 9:46.14, breaking Seema's mark of 9:50.54 set in 2017#KIYG2021 #KheloIndia #UmeedSeYakeenTak
— Khelo India (@kheloindia) June 9, 2022
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