प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली सरकार से सवाल, ऑड-ईवन समझ से परे, इससे क्या हासिल हुआ
प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली सरकार से सवाल, इस ऑड-इवन से क्या हासिल हुआ
नई दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण की खतरनाक स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्र और राज्य सरकार से इसका हल निकालने को कहा है। दिल्ली सरकार से अदालत ने ऑड-ईवन पर सवाल करते हुए पूछा कि इससे क्या कुछ हासिल हो रहा है। कार तो इतना ज्यादा प्रदूषण नहीं करतीं, ऐसे में क्या वाकई इस स्कीम का जमीन पर कोई फायदा है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वो शुक्रवार को डाटा देकर बताए कि इस स्कीम से कितना प्रदूषण कम हुआ।
जस्टिस अरुण मिश्रा ने ऑड-ईवन पर पूछा, इस स्कीम का आखिर लॉजिक क्या है? डीजल वाहन बैन करना समझ में आता है लेकिन ये ऑड-ईवन समझ से परे है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार आईआईटी दिल्ली से किसी पर्यावरण एक्सपर्ट और मंत्रालय से किसी को बुलाने को कहा। जिनसे पूछा जाए कि इस स्थिति से कैसे निपटा जाए। दिल्ली में वायु प्रदूषण के मद्देनजर 4 नवंबर से 15 नवंबर तक ऑड ईवन चलेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा, दिल्ली में हर साल ऐसा हो रहा है और 10-15 दिनों तक जारी रहता है। सभ्य देशों में ऐसा नहीं किया जाता है। जीवन का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण है। यह वह तरीका नहीं है जिस तरह हम जी सकते हैं। सच ये है कि घर के भीतर कोई भी कमरा इस शहर में रहने लायक है। हम इसके कारण जिंदगियां खो रहे हैं।
बता दें कि दिल्ली, एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार बेहद खराब बनी हुई है। लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। सोमवार को दिल्ली से लगे हरियाणा के गुड़गांव में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 800 से ज्यादा दर्ज हुआ, जो सीजन में सबसे अधिक है। दिल्ली में रविवार को एक्यूआई 700 से ज्यादा पहुंचा था। रविवार को ज्यादातर इलाकों में विजिबिलिटी (दृश्यता) काफी कम थी।
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