जज लोया मामले में फैसला देने वाले जज ने टीवी डिबेट पर वकील को लगाई फटकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज ने टीवी चैनल्स पर जजों के खिलाफ बयान देने पर वकीलों पर नाराजगी जाहिर की है। जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा बुधवार को वकीलों को फटकार लगाते हुए कहा कि आप लोग न्यायपालिका को बर्बाद कर रहे हैं, याद रखिए अगर संस्थान सुरक्षित रहेगा तभी आपका अस्तित्व होगा। दरअसल जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित केरल के दो मेडिकल कॉलेज में दाखिले के मामले की सुनवाई कर रहे थे, इसी दौरान जज ने वकीलों पर यह टिप्पणी की।
अगर संस्था चौपट हुई तो आप भी नहीं बचेंगे
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि जब कोई फैसला दिया जाता है तो आप टीवी चैनल्स पर जाते हैं और कोर्ट के भीतर की प्रक्रिया पर बहस करते हैं, हर रोज यह हो रहा है। आखिर किसे इस कोर्ट में बख्शा जाएगा, हर जज को टार्गेट किया जाता है, आप एक तीर से हर किसी को मारना चाहते हैं, आप लोग संस्था को बर्बाद कर रहे हैं। अगर यह संस्था बर्बाद होी तो आप लोगों का भी अस्तित्व नहीं रहेगा जबसे सुप्रीम कोर्ट के चार शीर्ष जज जस्टिस चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और कूरियन जोसेफ ने प्रेस कॉफ्रेंस की, उसके बाद से लगातार टीवी चैनल्स पर बहस शुरू हो गई है।
जज ने फेयरवेल पार्टी से किया इनकार
प्रेस कांफ्रेंस में एक जज ने कहा था कि उन्हो्ंने केस को अलॉट करने का मुद्दा उठाया था जिसमे से एक मामला जस्टिस बीएच लोया की मौत से भी जुड़ा हुआ था। यह मामला जस्टिस अरुन मिश्रा की बेंच को दिया गया था। जिसके बाद इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने सुना था और इस मामले में कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया था। इन सब के बीच 22 जून को रिटायर हो रहे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चेलमेश्वर ने रिटायरमेंट के लिए फेयरवेल पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
महाभियोग का प्रस्ताव खारिज
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चारों जजों ने प्रेस कांफ्रेंस करके मुख्य न्यायाधीश पर सवाल खड़ा किया था। जजों ने केस के आवंटन को लेकर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि लोकतंत्र खतरे में हैं। जिसके बाद तमाम सियासी दलों ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और मुख्य न्यायाधीश पर निशाना साधा था। यहां तक कि विपक्षी दलों ने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग का भी प्रस्ताव पेश किया था, जिसे उपराष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था।