मनोज तिवारी पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट, सील मकान का ताला तोड़ने पर भेजा नोटिस
नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी द्वारा कथित तौर पर एक सीलबंद घर का ताला तोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने निगरानी समिति द्वारा दायर की गई रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को 25 सितंबर को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। वहीं, पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट ने दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने की कोशिश की।
मनोज तिवारी के खिलाफ केस है दर्ज
निगरानी समिति की याचिका का संज्ञान लेते हुए जस्टिस मदन बी. लोकुर, जस्टिस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच कहा कि ये बेहद चिंताजनक मामला है कि मनोज तिवारी पर एक सीलबंद घर का ताला तोड़ने का आरोप लगा है। वहीं, समिति द्वारा कोर्ट के समक्ष घटना का वीडियो भी पेश किया गया। साथ ही कोर्ट को ये भी जानकारी दी गई कि इस मामले में तिवारी के खिलाफ केस दर्ज किया जा चुका है।
सीलबंद घर का ताला तोड़ने का वीडियो हुआ था वायरल
इसके पहले, मंगलवार को अपने ऊपर केस दर्ज होने के बाद मनोज तिवारी ने कहा था कि अगर सीलिंग गलत तरीके से की गई है तो वे इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा था कि अरविंद केजरीवाल कॉलोनियों का निरीक्षण करें और दिल्ली की जनता को जवाब दें। मनोज तिवारी ने ये भी कहा था कि वे भी केस दर्ज कराएंगे।
|
26 सितंबर को पेश होने का SC ने दिया आदेश
रविवार को मनोज तिवारी का दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में एक घर की सीलिंग का ताला तोड़ते हुए वीडियो वायरल होने लगा था, जिसके बाद मनोज तिवारी के खिलाफ एमसीडी ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 और डीएमसी एक्ट 461 और 465 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ये भी पढ़ें: मुश्किल में मनोज तिवारी, सील किए गए मकान का ताला तोड़ने पर दर्ज हुआ केस