अभियुक्त सांसदों और विधायकों पर फास्ट ट्रैक ट्रायल के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट राजनीति को अपराधमुक्त बनाने के लिए डाली गई याचिका पर सुनवाई कर रहा है
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अभियुक्त सांसदों और विधायकों के लिए फास्ट-ट्रैक ट्रायल का समर्थन किया है। कोर्ट ने कहा है कि अभियुक्त जनप्रतिनिधियों के लिए फास्ट ट्रैक ट्रायल क्यों नहीं बनाया जा सकता है। कोर्ट ने अभियुक्त सांसदों और विधायकों के ऊपर चल रहे मामलों की सुनवाई के लिए 6 महीने की डेडलाइन तय करने की बात कही है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट राजनीति को अपराधमुक्त बनाने के लिए डाली गई याचिका पर सुनवाई कर रहा है। ये याचिका बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने डाली है। पिछली सुनवाई के दौरान संसद और विधानसभाओं को अपराधियों से मुक्त कराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की खिंचाई की थी।कोर्ट ने चुनाव आयोग की यह कहकर खिंचाई की थी कि उसने दोषी सांसदों और विधायकों के चुनाव लड़ने के मुद्दे पर स्पष्टता नहीं रखी है।
याचिका में चुनाव आयोग से यह मांग भी की गयी है कि वह चुनाव लड़ने वाले व्यक्तियों की शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा भी निश्चित करे। गौरतलब है कि 12 जुलाई की सुनवाई में चुनाव आयोग ने याचिका पर यू टर्न लिया था और कहा कि वह आजीवन प्रतिबंध का हिमायती नहीं है, लेकिन अपराध मुक्त राजनीति का आयोग ने समर्थन किया था।
वर्तमान कानून के अनुसार कोई भी जनप्रतिनिधि सांसद या विधायक किसी मामले में दोषी सिद्ध होने के बाद छह वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ सकता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में कई याचिका दायर कर यह मांग की गयी है, दोषी सांसदों और विधायकों को आजीवन चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया जाये. केंद्र ने सांसदों और विधायकों पर आजीवन प्रतिबंध का विरोध किया है।