11 दोषियों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची बिल्किस बानो, CJI करेंगे जांच
Bilkis Bano Gangrape case 15 अगस्त को रिहा हुए 11 दोषियों की सजा को चुनौती देते हुए बिल्किस बानो सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं। उन्होंने पुनर्विचार याचिका दायर की है और 13 मई के आदेश पर दोबारा विचार की मांग की है।
Bilkis Bano Case: गैंगरेप केस में 11 दोषियों की जेल से रिहाई के मामले में एक बार बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस साल 15 अगस्त को रिहा हुए 11 दोषियों की सजा को चुनौती देते हुए बुधवार को बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है और 13 मई के आदेश पर दोबारा विचार की मांग की। आज केस चीफ जस्टिस के सामने रखा गया है, जिस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि उनके वकील द्वारा सीजेआई के समक्ष आज मामले का उल्लेख किए जाने के बाद वह याचिका पर गौर करेंगे।
बता दें कि साल 2002 के गैंगरेप मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले 11 दोषियों की जल्द रिहाई की देशव्यापी आलोचना हुई और गुजरात सरकार के फैसले पर सवाल उठाने वाली कई याचिकाएं शीर्ष अदालत में दायर की गईं। जैसा कि मामलों की सुनवाई चल रही है, बिलकिस बानो के वकील ने बुधवार को सजा में कमी को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर की।
बिलकिस बानो ने कोर्ट के मई में दिए उस आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल की है, जिसमें रिहाई का फैसला गुजरात सरकार पर छोड़ा गया था। इसके अलावा बिलकिस बानो ने सभी दोषियों की रिहाई के खिलाफ भी याचिका दाखिल की है।
गौरतलब है कि 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के लिए 11 लोगों को दोषी ठहराया गया। जिसके बाद इसी साल 15 अगस्त को सभी आरोपियों को जेल से रिहा कर दिया गया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने छूट के खिलाफ दायर पहले की याचिकाओं पर सुनवाई की, जिसमें गुजरात सरकार ने कहा कि उनके 'अच्छे व्यवहार' के कारण उन्हें छूट दी गई थी।