फर्जी हैं GDP के आंकड़े, मोदी सरकार ने CSO पर बेहतर डेटा देने का दबाव बनाया- स्वामी
नई दिल्ली। वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस बार अपनी ही पार्टी और सरकार के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। उन्होने आरोप लगाया है कि सेंट्र्ल स्टैटिस्टिक ऑर्गेनाइजेशन पर मोदी सरकार ने बेहतर आंकड़े देने का दबाव बनाया था। नोटबंदी के बाद जिस तरह से उसका प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था और जीडीपी पर पड़ा उससे किरकिरी से बचने के लिए सीएसओ को बेहतर आंकड़े देने के लिए कहा गया। अहमदाबाद में चार्टेड अकाउंट के एक कार्यक्रम में बोलते हुए स्वामी ने कहा कि आप जीडीपी के तिमाही आंकड़ों पर ना जाए, वो सब बकवास है, मैं आपका बता रहा हूं क्योंकि मेरे पिता ने सेंट्रल स्टैटिस्टिक ऑर्गेनाइजेशन को बनाया था। मैं सीएसओ केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा के साथ गया था, सीएसओ के एक व्यक्ति ने कहा कि नोटबंदी के बाद उनपर बेहतर नंबर देने का दबाव था, इसलिए उन लोगों ने जीडीपी का ऐसा आंकड़ा दिया जिससे कि लगे कि देश की अर्थव्यवस्था पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
डायरेक्टर से पूछा सवाल
स्वामी ने कहा कि सीएसओ मैं काफी नर्वस था क्योंकि मैं इसका असर जानता था, इसलिए मैंने सीएसओ के डायरेक्टर से पूछा आपने नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद जीडीपी का कैसे मूल्यांकन किया, आपने एक फरवरी 2017 कि लिखित आर्थिक सर्वे जारी किया था, इसका मतलब है कि यह प्रिंटिंग के लिए कम से कम तीन हफ्ते पहले गया होगा, ऐसे में जनवरी 2017 के पहले हफ्ते आपने यह रिपोर्ट दे दी होगी, आपने यह आंकड़ा इसलिए दिया कि इसका जीडीपी पर कोई असर नहीं पड़ा, आखिर आपने कैसे इसका मूल्यांकन किया।
जीडीपी के आंकड़ों पर भरोसा नहीं करें
स्वामी ने कहा कि उन्होंने मुझे बताया कि पिछले वर्ष असंगठित सेक्टर व संगठित सेक्टर के आंकड़ों के औसत को इकट्ठा किया गया। उन्होंने कहा कि अब रिश्ते काफी बदल चुके हैं, मैं क्या करुंगा, मुझपर आंकड़े देने का दबाव था और मैंने वह दिया। स्वामी ने कहा कि इसलिए आप तिमाही आंकड़ों पर भरोसा नहीं करें और जीडीपी के वार्षिक आंकड़ों पर भरोसा करें।
जेटली ने दिया था जीडीपी का हवाल
सुब्रमण्यम स्वामी का बयान ऐसे समय में आया है जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी और जीएसटी का देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर नहीं पड़ा है, उन्होंने जीडीपी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि यह सितंबर 2017 में 6.3 है, जोकि जून के तिमाही आंकड़े 5.7 से बेहतर है। स्वामी ने कहा कि आप इस मूडी और फिच के आंकड़ों पर भरोसा नहीं करे, आप उन्हें पैसे देकर किसी भी तरह का आंकड़ा छपवा सकते हैं।
एजेंसी पर दबाव नहीं बनाना चाहिए
गौरतलब है कि एक महीने पहले मूडी की क्रेडिट रेटिंग सामने आई थी, जिसमे भारत की रेटिंग को पिछले 13 वर्ष में पहली बार बेहतर किया गया था। दिसंबर माह में ही फिच की भी रेटिंग सामने आई थी, जिसमे देश की जीडीपी 6.9 से कम करके 6.7 कर दिया गया था। इसके पीछे की वजह यह बताई गई कि देश की अर्थव्यवस्था अपेक्षा के अनुसार धीमी है। स्वामी ने कहा कि हमारे पास सीएसओ के आंकड़े हैं, हम उस पर भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी एजेंसी कुछ भी कर सकती हैं, लेकिन उसपर दबाव नहीं बनाना चाहिए।
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